पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर प्रो। शिवाकांत ओझा की भतीजी दिव्या ने हासिल की नौवीं रैंक

PRAYAGRAJ: पैशन और डेडिकेशन के साथ मेहनत की जाए तो सक्सेस मिल ही जाती है। यह कहना है दिव्या ओझा का। उन्होंने पीसीएस-2017 में नौवीं रैंक सिक्योर की है। दिव्या पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर प्रो.शिवाकांत ओझा की भतीजी हैं। दिव्या ने अपनी सफलता का श्रेय माता, पिता, भाई व गुरुजनों को दिया है

ट्रिपलआईटी झलवा से किया बीटेक

दिव्या के पिता प्रतापगढ़ स्थित तिलक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रह चुके हैं। इंटर तक की पढ़ाई प्रतापगढ़ से करने के बाद दिव्या ने ट्रिपल आइटी झलवा से बीटेक किया।

फिलहाल हैं वाणिज्यकर अधिकारी

दिव्या काफी समय से तैयारी में लगी हुई हैं। उन्हें 2015 में पहली बार सक्सेस मिली थी। तब वह लोवर पीसीएस में चयनित होकर पंचायत कर अधिकारी गाजियाबाद बनी थीं। इसके बाद 2016 में वाणिज्य कर अधिकारी प्रयागराज के तौर पर उनका चयन हुआ। फिलहाल वह प्रयागराज में तैनात हैं।

पहले प्रयास में डिप्टी कलेक्टर बनीं निधि

सेल्फ स्टडी एवं प्लानिंग के साथ करीब दस घंटे तक रेगुलर पढ़ाई हमारी सफलता का राज है। यह बातें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2017 में डिप्टी कलेक्टर पद पर सेलेक्ट हुई मुरादाबाद की निधि डोडवाल ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान कहीं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट निधि ने बताया कि उन्होंने फिजिक्स सब्जेक्ट को पीसीएस के लिए चुना। अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करने का श्रेय उन्होंने ईश्वर और माता-पिता के आशीर्वाद को दिया। पीसीएस 2017 में प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त करने वाली निधि ने बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी ग्रेजुएशन से शुरू कर दी थी। पीसीएस की तैयारी के लिए किसी भी प्रकार की कोचिंग का हेल्प नहीं ली। निधि का कहना है कि प्लानिंग के साथ पढ़ाई की जाए तो मंजिल हासिल करना आसान हो जाता है। दो भाइयों मे सबसे बड़ी निधि के पिता नृपेंद्र सिंह लेखपाल एवं मां सर्वेश सिंह हाउस वाइफ हैं।