- 1995 से चल रही है विकलांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, इसमें विकलांग से विवाह करने पर दिया जाता है इनाम
- विभागीय लापरवाही से इसके लिए आज तक नहीं पहुंच सके दिव्यांगों के अप्लीकेशन
- अगर लड़का विकलांग हो तो 15000, वहीं लड़की के विकलांग होने की सूरत में मिलता है 20000 रुपए
GORAKHPUR: दिव्यांगों के दर्द को कम करने के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। चाहे वह केंद्र हो या फिर प्रदेश सरकार सभी इनको बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ा रही है। मगर विभागीय लापरवाही से दिव्यांग सरकार की इन प्रोत्साहन योजना से अनजान है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सरकार की विकलांग जनो के लिए शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना में अब तक पहुंचे अप्लीकेशन के आंकड़े इसकी हकीकत बयां कर रहे हैं। योजना को शुरू हुए कई बरस बीत चुके हैं, लेकिन अब तक महज चंद लोगों की ही योजना का लाभ मिल सका है।
1995 से चल रही है योजना
दिव्यांगों के लिए सरकार की शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना चलाई जा रही है। 1995 से शुरू हुई इस योजना का फायदा सिर्फ गिने चुने लोगों को ही मिल सका है। इस योजना के तहत विकलांग जन विकास विभाग सभी विकलांग जनों के लिए शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना संचालित कर रहा है, जिसके अंतर्गत लोगों को पुरस्कृत किया जाता है। दंपत्ति में यदि लड़का विकलांग हो तो उसे 15000 रुपए और लड़की या दंपत्ति (दोनों) विकलांग हो तो प्रोत्साहन राशि के तौर पर 20000 हजार रुपए दिए जाते हैं।
नहीं आता कोई आवेदन
यूं तो स्कीम 1995 से चल रही है, मगर इस योजना का फायदा उठाने के लिए अब तक कोई भी दिव्यांग वहां तक नहीं पहुंचा। विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो पहले इस स्कीम को लोगों तक पहुंचाने में जिम्मेदारों ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया, इसकी वजह से योजना ठंडे बस्ते में पड़ी रही। अब इस ओर फिर से ध्यान दिया गया है, जिसके बाद योजना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि इससे दिव्यांगों को फायदा हो सके।
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कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन
इस योजना का लाभ लेने के लिए विकलांग जनों को आवेदन की सभी फॉर्मेल्टीज पूरी कर जिला विकलांग जन विकास कार्यालय में जमा करनी होगी, उसके बाद जो पात्र हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकेगा। अधिक जानकारी के लिए विकलांग जन विकास अधिकारी कार्यालय, विकास भवन में सम्पर्क किया जा सकता है।
यह है शर्ते
- वह भारत का नागरिक हो
- दंपत्ति यूपी का स्थायी निवासी या कम से कम पांच वर्ष से निवास कर रहा हो
- विकलांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक हो
- दंपत्ति में कोई भी सदस्य किसी भी आपराधिक मामले में दंडित न हुआ हो
- शादी के समय युवक की आयु 21 से 45 वर्ष और युवती की आयु 18 से 45 वर्ष तक हो
- दंपत्ति आयकर दाता की श्रेणी में न हो
- उसके पास पूर्व से कोई जीवित पत्नी या पति न हो
- उसके ऊपर महिला उत्पीड़न या अन्य आपराधिक मामला न चल रहा हो
इस योजना में अब तक कोई आवेदन नहीं आए हैं। योजना को बढ़ावा देने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इससे दिव्यांगों का हाथ थामने वालों को पुरस्कार रूपी मदद मिलेगी।
- मधुरेंद्र कुमार, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी