पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Diwali 2022 : इस वर्ष 24 अक्टूबर 2022,रविवार को दीपावली पर बन रहे बेहद खास योग।इस वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि में अमावस्या का योग होने से सोमवार को दीपावली का पर्व पड़ रहा है।इस दिन चतुर्दशी उदया तिथि में अमावस्या सांय 5:27 बजे से प्रारम्भ होगी एवं हस्त नक्षत्र अपराह्न 2:41 बजे तक तत्पश्चात चित्रा नक्षत्र आरम्भ होग़ा तथा वैधृति योग अपराह्न 2:31बजे तक तत्पश्चात विषकुम्भ योग आरम्भ होग़ा। रात्रि 2:32बजे तक कन्या का चंद्र तत्पश्चात चन्द्रदेव तुला राशि में प्रवेश करेंगे अहोरात्रि तुला का चंद्र होगा।इस दिन प्रदोष काल सांय 5:43 बजे से रात्रि 8:16 बजे तक रहेगा। महानिशीथ काल रात्रि 11:40 बजे से रात्रि 12:31 बजे तक रहेगा। इस दिन प्रदोष कालीन स्थिर लग्न वृष सांय 6:36 बजे से रात्रि 8:33 बजे तक रहेगी इसमें चर नाम कि चौघड़िया रात्रि 7:20 बजे तक रहेगी।
खाता पूजन श्रेष्ठ फलदायक रहेगा
इस वर्ष सोमवार दीपावली की रात्रि बेला में लाभ,उद्देग,शुभ,अमृत और चर पांच चौघड़िया मुहूर्त मिल रहे हैं।चौघड़िया मुहूर्त में लाभ के स्वामी बुध, उद्देग के रवि,शुभ के गुरु,अमृत के चंद्र और चर के शुक्र माने गए हैं। इस दिन प्रदोष काल सांय 5:43 बजे से रात्रि 8:15 बजे तक प्राप्त होगा। निशीथ काल रात्रि 8:15 बजे से रात्रि 10:51 बजे तक रहेगा,निशीथ काल मे 8:52 तक रोग का चौघड़िया रहेगा।अतः 8:52 से पहले तक मुख्य पूजन करना शुभ रहेगा। महानिशीथ काल रात्रि 10:51 बजे से अर्द्ध रात्रि 1:31 बजे तक रहेगा। इस समय अवधि में लाभ की चौघड़िया एवं कर्क लग्न भी अत्यंत शुभ रहेगी।इस दिन प्रदोष कालीन स्थिर लग्न वृष सांय 6:10 बजे से रात्रि 8:08 बजे तक प्राप्त होगी।इसमें चर का चौघड़िया मुहूर्त होगा। इस लग्न में श्री गणेश,लक्ष्मी,इंद्र,कुबेरादि देवताओं का पूजन खाता पूजन श्रेष्ठ फलदायक रहेगा।इस महानिशीथ कालीन मुहूर्त में श्री,लक्ष्मी,इंद्र, कुबेरादि,श्री महाकाली,श्री महासरस्वती का पूजन अर्चन,श्री यंत्र पूजन,अनुष्ठान आदि सम्पन्न करना शुभ फलकारक रहेगा।
शुभ चौघड़िया की बेला का समावेश
चौथा मुहूर्त स्थिर लग्न सिंह रात्रि 12:37 बजे से रात्रि 2:51 बजे(25 अक्टूबर 2022, मंगलवार ) तक प्राप्त होगा।इसमें शुभ चौघड़िया की बेला का समावेश होगा।व्यापारियों के लिए लाभ अमृत की बेला अपराह्न 2:58 बजे से सांय 5:45 बजे तक तक रहेगी। खाता पूजन का यह भी शुभ मुहूर्त है। शास्त्रों के अनुसार जब कार्तिक मास की अमावस्या जिस दिन प्रदोष काल एवं अर्द्वव्यापिनी में हो उसी दिन लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या तिथि को स्थिर नवांश में किया जाता है। अतः इस वर्ष लक्ष्मी पूजन का समय निम्न प्रकार रहेगा।

महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त:-
गोधुली बेला/प्रदोष काल:- सांय 5:43 बजे से सांय 6:24बजे तक
कुंभ लग्न:- मध्यान्ह 13:30 बजे से अपराह्न 15:06 बजे तक
वृषभ लग्न:- सांय 6:10 बजे से रात्रि 20:08 बजे तक
सिंह लग्न:- मध्य रात्रि 12:37 बजे से अर्द्ध रात्रि 2:51 बजे (25 अक्टूबर 2022, मंगलवार )तक

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