-राज्य सरकार डीएलएड करने वाले छात्रों की भर्ती पर लगाई थी रोक

-हाईकोर्ट का निर्देश, आवेदन के लिए 30 दिन का समय

PATNA : पटना हाईकोर्ट से मंगलवार को एनआईओएस से डीएलएड करने वाले छात्रों के लिए खुशी की खबर आई। पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि इन शिक्षकों की डिग्री पूरी तरह मान्य है और वो भी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। पटना हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों के लिए बिहार सरकार को 4 हफ्ते का मौका देने का आदेश दिया है। ताकि यह प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया के लिए अप्लाई कर सकें। हाईकोर्ट ने इन्हें पंचायत टीचर की नियुक्ति में शामिल होने के लिए फार्म भरने को 30 दिन का समय दिया है। बिहार सरकार ने उन्हें आवेदन करने पर रोक लगा दी थी। न्यायाधीश प्रभात कुमार झा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसपर मंगलवार को फैसला सुनाया गया। बता दें कि बिहार में फिलहाल करीब एक लाख शिक्षकों के पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया चल रही है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मुताबिक टीईटी को भी आवेदक के पास दो वर्षीय प्रशिक्षण की डिग्री होनी चाहिए। दरअसल, 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन लाखों शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। एनआईओएस ने करीब 13-14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था। हाईकोर्ट ने अब डिप्लोमा इन एलिमेंटरी डिग्रीधारी शिक्षकों बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति देते हुए बड़ी राहत दे दी है। डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन शिक्षकों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में 21 जनवरी को ही फैसला सुनाया जाने वाला था लेकिन उस दिन मामले में हुई सुनवाई में कोई निर्णय नहीं हो पाया था। बता दें कि प्रदेश के डीएलएड शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि पंचायत शिक्षकों की बहाली के मामले में राज्य सरकार इस डिप्लोमाधारी कोर्स को मान्यता नहीं दे रही है।

2.5 लाख डीएलएड डिग्रीधारकों को फायदा

हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले से 2.5 लाख डीएलएड डिग्रीधारकों को फायदा होगा। 18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन डिग्रीधारी शिक्षकों को राज्य सरकार ने पंचायत शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। बता दें कि जस्टिस प्रभात कुमार झा ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ बिहार के बल्कि देशभर के करीब 14 लाख शिक्षकों को फायदा होगा।

आवेदन करने पर लगी थी रोक

डिप्लोमा होल्डरों को राज्य सरकार ने पंचायत टीचर की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने से रोक दिया था। संजय कुमार यादव और अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ कहा कि 18 महीने का कोर्स करने वाले भी इसके समतुल्य होंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरीय अधिवक्ता यदुवंश गिरि ने कहा कि जुलाई, 2019 से हो रही प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के टीचरों की प्रक्रिया राज्य सरकार चला रही है। राज्य सरकार ने इन याचिकाकर्ताओं को आवेदन देने से रोक दिया था। जुलाई, 2019 में प्राथमिक शिक्षक नियोजन हेतु 18 महीने के डीएलएड कोर्स को मान्यता देने हेतु एनसीटीई से सफाई मांगी गई थी। एनसीटीई ने 18 महीने के डीएलएड कोर्स को आंशिक मान्यता दी थी। परिणामस्वरूप शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा धारी अभ्यर्थियों को शिक्षक नियोजन में आवेदन देने पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। ऐसे आदेश को हाईकोर्ट ने मंगलवार को इसी मामले में निरस्त कर दिया।

दो साल के बराबर का कोर्स

इस बारे में याचिकाकर्ता के वकील प्रिंस कुमार मिश्रा ने कहा कि कोर्ट ने माना कि डीएलएड कोर्स जिसकी अवधि 18 महीने की है, वह वास्तव में दो साल के कोर्स को ही इस अवधि में पढ़ाया गया है। उधर, जानकारों का भी कहना है कि जब केन्द्र सरकार ने जब आरटीई का नियम लाया था तब इस कोर्स को लागू करने के लिए मात्र 18 माह ही बचे थे। इसलिए यह कोर्स दो साल के समय के बराबर ही माना जाएगा।

लंबी लड़ाई

बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बहाली के दौरान एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों की मान्यता का मुद्दा तेजी से गर्माया था। डीएलएड को बतौर शिक्षक नियुक्ति के लिए मान्यता न देने का मामला केंद्रीय कैबिनेट में भी उठा। केंद्रीय कैबिनेट में प्रधानमंत्री ने इस मामले पर चिंता जताई थी। एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इस मामले में जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया था। हाल ही में राज्यसभा में राजद सांसद प्रो। मनोज कुमार झा ने इस मुद्दे को उठाया था। मनोज कुमार झा का कहना था कि ये बिहार के कोई एक शिक्षक नहीं बल्कि 14 लाख परिवारों से जुड़ा मामला है। राजधानी पटना समेत कई जिलों में एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

-2.5

लाख से अधिक है एनआईओएस से डीएलएड करने वालों की संख्या।

-18

महीने की है डीएलएड कोर्स की अवधि।

-30

दिन समय कोर्ट ने दिया फार्म भरने के लिए।