- डीरेका के कार्मिक विभाग में कार्यालय अधीक्षक के पद पर तैनात युवक ने फांसी लगाकर किया सुसाइड

- फोन पर बात करने के बाद तनाव में आकर उठाया कदम, पुलिस कर रही है मामले की तफ्तीश

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VARANASI : डीरेका के जलालीपट्टी स्थित आवास में रहने वाले कार्मिक विभाग के कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बुधवार को दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। शैलेंद्र ने यह कदम एक फोन कॉल आने के बाद उठाया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शैलेंद्र का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया। मामले की तफ्तीश जारी है।

बेटी को बाइक पर टहलाया

बलिया जिले के सहतवार गांव के मूल निवासी शैलेंद्र के पिता गजाधर चौबे की छह साल पहले मृत्यु हो गई थी। चार भाइयों में तीसरे नंबर के शैलेंद्र को उनकी जगह पर छह साल पहले नौकरी मिली थी। बुधवार को शैलेंद्र ऑफिस जाने के लिए तैयार हुए और घर से निकलने लगे। इस बीच उनकी दो साल की बेटी पीहू उनके पास आ गई और साथ चलने की जिद करने लगी। जिसके बाद शैलेन्द्र ने बेटी को बाइक पर बैठाया और कॉलोनी का एक चक्कर लगाने के बाद उसे वापस घर पर छोड़ दिया।

फोन के बाद आया टेंशन

इसी बीच उनके मोबाइल पर एक कॉल आई और शैलेन्द्र फोन पर बात करने लगे। परिजनों के मुताबिक बातचीत के दौरान शैलेंद्र काफी टेंशन में आ गए और गुस्से में बातचीत होते देख एक बार पत्‍‌नी और बेटी भी सहम गई। बात खत्म होने पर पत्‍‌नी रेखा ने थोड़ी देर आराम कर ऑफिस जाने को कहा। जिसके बाद शैलेंद्र अपने कमरे में चले गए और पत्‍‌नी घर के काम में व्यस्त हो गई। इस बीच रेखा पति को ऑफिस भेजने के लिए जब उनके कमरे में पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। इस पर उसने गेट नॉक किया लेकिन अंदर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। इसके बाद पत्‍‌नी ने खिड़की से अंदर देखा तो उसके होश उड़ गए। कमरे में उसका पति पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ था। ये देख उसने जोर-जोर से चीखना शुरू कर दिया। जिसे सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और खिड़की का शीशा तोड़ा। इस बीच शैलेंद्र का भाई पंकज भी आ गया और उसने शव को नीचे उतारकर पुलिस को घटना की इंफॉर्मेशन दी।

आखिर क्या है मौत का राज?

आखिर वो क्या वजह थी जिसके चलते शैलेन्द्र का मूड अचानक बिगड़ गया और उसे यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा? इस पर अब तक संशय बरकरार है। शैलेन्द्र के साथ काम करने वाले लोगों का मानें तो शैलेन्द्र काफी मिलनसार था व खुशमिजाज था। इसलिए उसकी सुसाइड की खबर जिसे भी पता चली वह शॉक्ड हो गया। मामला थोड़ा गंभीर इसलिए भी है क्योंकि एक माह के भीतर कार्मिक विभाग में असमय हुई ये दूसरी मौत है। इससे पहले इसी विभाग के मुख्य कार्यालय अधीक्षक ज्योति भूषण भारती की रहस्यमय परिस्थितियों में तीन अक्टूबर को ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वह रोज सुबह टहलने के लिए निकलते थे, इसके बाद भी उनका सड़क छोड़कर लगभग चालीस मीटर दूर रेल ट्रैक पर जाना और ट्रेन की चपेट में आना शक पैदा करता है। दावा है कि वह भी किसी बात को लेकर मानसिक तनाव में थे और दबाव में आकर उन्होंने भी सुसाइड किया था।