नई दिल्ली (पीटीआई)। शनिवार को चीनी समकक्ष से मुलाकात में देश के रक्षा मंत्री ने दो टूक कह दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत अपनी जमीन की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद में पहली बार उच्च स्तर पर बैठक हुई है। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) से इतर मास्को में शुक्रवार की शाम को सिंह और वेई में 2.20 घंटे मुलाकात हुई।

द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन कर रहा चीन

अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने अपने चीनी समकक्ष को साफ कर दिया कि मौजूदा हालात को जिम्मेदारी से संभलना होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर दोनों ओर से उकसावे कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए। अधिकारियों ने यह भी बताया कि राजनाथ सिंह ने वेई से कहा कि चीनी सैनिकों का सीमा पर भारी जमावड़ा है, उनका व्यवहार उकसावे वाला है और वे एकतरफा यथास्थिति में बदलाव करने का प्रयास कर रहे हैं, जो द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।

एलएसी से पूरी तरह खत्म हो सैनिक जमावड़ा

सिंह ने यह भी कहा कि एलएसी के दोनों ओर से सैनिकों का पूरी तरह से जमावड़ा खत्म करके उन्हें पीछे ले जाने की जरूरत है। इसे अमल में लाने के लिए दोनों देशों को कूटनीतिक और पहले से जारी सैनिक स्तर पर बातचीत जारी रखनी चाहिए। सिंह ने चीनी समकक्ष को यह भी बताया कि दोनों देशों को अपने नेताओं के बीच हुई शांति और सह विकास को लेकर हुई आपसी समझ के मुताबिक सीमा पर व्यवहार करना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें विवाद खत्म करने के प्रयास करने चाहिए।

सेना भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा को प्रतिबद्ध

अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने चीनी समकक्ष के साथ बातचीत में एलएसी पर पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में पिछले कुछ महीनों के दौरान चल रही गतिविधियों को लेकर भारत के पक्ष से उन्हें अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमेशा पूरी जिम्मेदारी के साथ सीमा पर काम करती है। साथ ही वह भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के असफल घुसपैठ की कोशिश से एलएसी पर तनाव उत्पन्न हो गया।

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