लखनऊ (ब्यूरो)। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद अब हर डॉक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा। इसके लिये डॉक्टर्स से बॉन्ड भरवाया जा रहा है। एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टर भी एक साल के लिये कंपलसरी तौर पर गांव में काम करेंगे। आयुष्मान भारत योजना की पहली वर्षगांठ पर सीएम योगी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पीएम जन आरोग्य योजना में प्रदेश में 1.18 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। साथ ही सीएम जन आरोग्य योजना के तहत 8.45 लाख परिवार इसका लाभ ले रहे हैं।

बनाए गए 46.86 लाख गोल्डन कार्ड

सीएम ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि एक साल पहले जब आयुष्मान भारत को लागू किया गया था तो हमारे सामने कई चुनौतियां थीं। जरूरतमंदों के बीच समयबद्ध तरीके से इस योजना का लाभ पहुंचाया जा सके, इसके बेहद जरूरत थी। बेहतरीन कार्ययोजना से यह संभव हो सका। उन्होंने बताया कि पीएम जन आरोग्य योजना के तहत यूपी में कुल 46.86 लाख गोल्डन कार्ड बनाए गए। सीएम आरोग्य योजना के तहत 1.89 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड पहुंचाया गया।

15 नए मेडिकल कॉलेज पर काम जारी

सीएम योगी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना पर कई जिलों में बेहतर काम किया तो कई जिलों में धीमी गति से काम हुआ है। जो धीमें हैं, उन्हें इसमें तेजी दिखानी होगी। सामाजिक सुरक्षा की इतनी बड़ी गारंटी आजादी के बाद पहली बार लोगों को मिली है। सीएम ने कहा कि वर्ष 1947 से 2012 के बीच 12 मेडिकल कॉलेज बने थे। जबकि, हम 15 नए मेडिकल कॉलेजों पर काम कर रहे हैं। 7 नए मेडिकल कॉलेज इस दौरान खोल दिये गए हैं। हर जिले में लाइफसपोर्ट एंबुलेंस दी गई हैं। एक साल की मियाद में एक लाख से अधिक लोगों को अच्छे अस्पतालों में पहुंचाया गया है।

40 लाभार्थियों को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेकर स्वस्थ हुए 40 लाभार्थियों को टोकरी और शॉल देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही एक कॉफी टेबल बुक और हॉस्पिटल बुकलेट का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, राज्यमंत्री अतुल गर्ग, प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी समेत विभगा के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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