पोस्टमार्टम हाउस में भिजवा दिया गया था शव

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के एक स्वीपर की सजगता से यहां एक युवक की जान बचने का मामला काफी चर्चा में है। कहा जा रहा है कि यदि स्वीपर सजग नहीं होता तो जिंदा युवक का पोस्टमार्टम कर दिया जाता। खबरों की मानें तो रविवार को वाहन पलटने से हिमांशु पिता रामेश्वर भारद्वाज गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे महाराष्ट्र के नागपुर ले जाया गया। लेकिन, वहां के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे ब्रेनडैड बताकर वापस छिंदवाड़ा भेज दिया। सोमवार सुबह युवक के परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए तो ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम हाउस में भिजवा दिया।

एसडीएम को इस मामले की जांच के आदेश दिए

इसके बाद उसकी पोस्टमार्टम होने की तैयारी होने लगी। ऐसे में जब पोस्टमार्टम की तैयारी हो रही थी, तभी स्वीपर संजू सारवान को आभास हुआ कि युवक की धड़कन चल रही है। डॉक्टरों ने युवक का चेकअप किया तो वह जिंदा था। यह जानकारी जब युवक के परिजन को मिली तो उन्होंने हंगामा कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने युवक को आनन-फानन में फिर नागपुर रेफर कर दिया। कलेक्टर ने एसडीएम को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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