RANCHI: रांची रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को सदर हॉस्पिटल डालटनगंज में पोस्टेड डॉ मदन मोहन गुप्ता ने ट्रेन से कट कर अपनी जान गंवा दी। घटना प्लेटफॉर्म नंबर फ् पर टाटा-झारसुगुड़ा पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आने से हुई। डॉक्टर का सिर धड़ से पूरी तरह अलग हो गया था। घटना के बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर रिम्स भेजा। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। सुसाइड करने के कारण जानने की भी कोशिश की जा रही है।

रिम्स में पत्नी हैं डॉक्टर

बताया गया कि मृतक डॉक्टर की पत्नी आशा प्रसाद रिम्स में डॉक्टर हैं। पिछले दिनों ही डॉ गुप्ता परिवार के साथ छुट्टियां बिताने रांची आए हुए थे। उनके परिजन शव लेने रिम्स पहुंचे थे। स्टेशन पर मृतक की जेब से पुलिस को सिर्फ एक प्लेटफॉर्म टिकट मिला, जो रांची स्टेशन का है। इस बाबत रांची जीआरपी में एक यूडी केस दर्ज किया गया है। डॉ मोहन की मृत्यु से पलामू में शोक की लहर है। लोग विश्वास ही नहीं कर पा रहे हैं कि डॉ मोहन प्रसाद गुप्ता अब नहीं रहे।

खुदकुशी या हादसा

-प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नशे में थे। ऐसे में

डॉ गुप्ता कहीं हादसे के शिकार तो नहीं हो गए?

-जिस स्थिति में बॉडी बरामद हुई है, उससे स्पष्ट हो रहा कि उन्होंने ट्रेन के नीचे आकर खुदकुशी की?

-टिकट खरीदने वाले लोगों का कहना है कि लाइन में जब खड़े थे, तो अच्छे घर के मालूम हो रहे थे। ऐसे में खुदकुशी क्यों करते?

-बताया गया कि डॉक्टर मनोरोगी थे, ऐसे में कहीं दुर्घटना के शिकार तो नहीं हो गए?

भ् फरवरी को मनाई थी शादी की ख्भ् वीं सालगिरह

डॉ मोहन कुमार ने भ् फरवरी को शादी की ख्भ्वीं सालगिरह मनाई थी। मैरिज एनिवर्सरी सेलिब्रेशन की तस्वीर डॉ मोहन के बेटे करण मोहन ने भ् फरवरी को पोस्ट की थी।

गरीबों के मसीहा थे डॉ मोहन

जदयू नेता पंकज किशोर पाठक ने बताया कि पलामू में गरीबों के मसीहा के रूप में डॉ मोहन की पहचान थी। सर्जन के रूप में उन्होंने कई गरीबों का मुफ्त में इलाज भी किया था। डालटनगंज के आबादगंज में सहोदरी देवी स्मृति हॉस्पिटल वह चलाते थे। वह डालटनगंज सदर अस्पताल और गढ़वा सदर अस्पताल में अपनी सेवा दे चुके थे। दोनों ही सदर अस्पतालों के ऑपरेशन थिएटर की स्थिति को अपने निजी खर्चे से बेहतर कराने के लिए भी डॉ मोहन को लोग याद करते हैं।