RANCHI: रिम्स में शुक्रवार को एक मां अपने दूधमुंहे बच्चे के इलाज के लिए तीन घंटे गुहार लगाती रही, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने यह कहते हुए उसे ओपीडी से भगा दिया कि जाओ जहां इलाज कराना है, करा लो। इसके बाद भी मासूम को गोद लिये उसकी मां हॉस्पिटल का चक्कर लगाती रही। इधर, यह खबर मीडिया में फैलने के बाद डॉक्टरों ने आनन-फानन में बच्चे को न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में रेफर कर दिया। लेकिन, इन सबके बीच यह सवाल उठ रहा है कि बच्चे को इलाज के लिए रिम्स ले जाना गुनाह है क्या? गौरतलब हो कि धुर्वा में रहने वाली प्रभा देवी का दो महीने का बच्चा रॉयल हाइड्रोसेफाली नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित है। इस कारण उसका सिर सामान्य से बड़ा हो गया है। रॉयल को बीमारी के कारण उसके माता-पिता ने छोड़ दिया था। इसके बाद से प्रभा देवी उसे गोद लेकर इलाज कराने का प्रयास कर रही हैं।

जेल्को नहीं लगा पा रही थी नर्स

मासूम की मां प्रभा देवी ने बताया कि रॉयल को इससे पहले भी दो बार रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराई थी। लेकिन ठीक ढंग से उसका इलाज नहीं किए जाने के कारण वह अपने बच्चे को लेकर चली गई थी। साथ ही उन्होंने बताया कि जेल्को लगाने के लिए बाहर से किसी स्टाफ को बुलाया गया था। इस वजह से ही वह अपने बच्चे को साथ लेकर चली गई थी। लेकिन प्राइवेट डॉक्टरों ने भी इलाज के लिए काफी खर्च बता दिया, तो वह बच्चे को लेकर फिर रिम्स पहुंची है।

गार्ड ने सोशल वर्कर से किया मिसबिहेव

प्रभा देवी अपने बच्चे रॉयल को लेकर इलाज कराने रिम्स पहुंची। इस दौरान उनके साथ स्टूडेंट्स आक्सीजन मूवमेंट की को-आर्डिनेटर वर्षा दुबे भी थीं। जब डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज करने से इन्कार कर दिया और वह डॉक्टर के चैंबर में जाने लगीं, तो वहां मौजूद डॉक्टर ने उन्हें रोक लिया। उनके साथ मिसबिहेव किया। इसकी सूचना सिक्योरिटी सुपरवाइजर अवधेश को दी गई। इसके बाद उन्होंने गार्ड को दोबारा ऐसा नहीं करने की वार्निग देकर छोड़ दिया। वहीं गार्ड ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली।

रॉयल के इलाज में मदद को बढ़े हाथ

रिम्स में इलाजरत रॉयल के बारे में जब जानकारी समाजसेवी ज्योति शर्मा को मिली, तो वह भागी-भागी रिम्स पहुंची और बच्चे की मां को आर्थिक मदद की। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की मदद करने में उन्हें काफी खुशी मिलती है। बताते चलें कि रॉयल के इलाज के लिए प्रभा देवी ने अपना मंगलसूत्र भी बेच दिया। वहीं अपने बच्चों की पढ़ाई भी फिलहाल रोक दी है।

जन्म लेते ही अपने मां-बाप ने रॉयल को छोड़ दिया

धुर्वा की रहने वाली प्रभा देवी को रॉयल धनबाद के एक हास्पिटल से मिला। जहां उसके माता-पिता ने जन्म के बाद उसे इसलिए छोड़ दिया था कि उसका सिर बड़ा है। इलाज के झंझट में पड़ने से बेहतर बच्चे को माता-पिता ने अनाथालय में देना ठीक समझा। लेकिन समय से पहुंची प्रभा ने बच्चे को अपना लिया और उसके इलाज में जुट गई। रॉयल को हाइड्रोसेफाली नामक गंभीर बीमारी है। इस वजह से उसका सिर सामान्य से बड़ा है।