दूसरे दिन किया शांति पूर्वक विरोध, निकाला मार्च

डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर किया काम

Meerut। गत दिनों मेडिकल कॉलेज में सीएमएस डॉ। अजीत चौधरी के साथ हुई मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग लेकर जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। मंगलवार को ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं चालू रहीं व डॉक्टर्स ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया। इस कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बढ़ी ओपीडी, मरीज हुए परेशान

सोमवार को हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स की ओर से ओपीडी में न जाने के चलते अस्पताल प्रशासन से सभी सीनियर फैकल्टी को ओपीडी में तैनात कर दिया। इसके बावजूद मरीजों की भीड़ काफी ज्यादा रही। मरीज इधर से उधर भटकते रहे। सोमवार को ओपीडी में 2326 मरीज पहुंचे थे जबकि मंगलवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या 2421 रही। डॉक्टर्स की नारेबाजी व प्रदर्शन के चलते मरीज हैरान-परेशान रहे।

बांधी काली पट्टी

डॉ। अजीत के साथ हुई मारपीट व अभद्रता के खिलाफ सभी डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर काम किया। इस दौरान मंगलवार को प्रादेशिक चिकित्सा सेवा संघ की मेरठ शाखा ने भी विरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर कार्य किया। वहीं आईएमए ने भी काली पट्टी बांध कर समर्थन दिया। इस दौरान संघ के अध्यक्ष डॉ। बीपी सिंह कल्याणी ने कहा कि इस प्रकरण में पुलिस प्रशासन के आश्वासन पर 10 दिन इंतजार किया, लेकिन कार्रवाई न होने पर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा?

कैंडल मार्च निकाला

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के तहत जूनियर डॉक्टर्स ने जहां दोपहर को प्रिंसिपल ऑफिस से ओपीडी तक पैदल मार्च निकाला वहीं शाम को कैंडल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जूनियर डॉक्टर्स ने जमकर नारेबाजी भी की। डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी यह हड़ताल जारी रहेगी।

कमेटी देगी रिपोर्ट

मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से इस मामले की जांच के लिए आंतरिक कमेटी का गठन भी किया गया है। तीन सदस्यीय कमेटी में शामिल एसआईसी डॉ। राकेश दूबे, डॉ। ज्ञानेश्वर टोंक व महेंद्र कुमार केसी को दोनों पक्षों की सनुवाई के बाद रिपोर्ट तैयार करेंगे। कमेटी को एक हफ्ते में यह रिपोर्ट अस्तपाल प्रशासन को देनी होगी।

उपस्थिति की होगी जांच

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने नाराजगी जताते हुए अस्पताल कर्मचारियों, डॉक्टर्स की उपस्थिति की रिपेार्ट मांग ली हैं। इसके साथ ही जो कर्मचारी या डॉक्टर छुट्टी पर हैं उनकी लीव एप्लीकेशन भी मांगी गई हैं। प्रिंसिपल का कहना है कि रिपोर्ट जांचने के बाद उपस्थित न होने वाले स्टाफ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शासन को भी इस मामले की डेली अपडेट रिपोर्ट भेजी जा रही है।

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को देखते हुए हमने सोमवार को ही सीनियर फैकल्टी को ओपीडी ड्यूटी पर लगा दिया था। अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है।

डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

सुबह से लेकर दोपहर तक हम इलाज करवाने के लिए परेशान रहे। कहीं डॉक्टर नहीं मिला तो कहीं सुविधाएं नहीं मिलीं।

ऊषा

हड़ताल के चलते बहुत परेशानी हो रही है। पर्चा काउंटर पर बहुत ज्यादा भीड़ थी। इलाज के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा।

राकेश