PATNA : गठिया से देश की एक प्रतिशत आबादी पीडि़त है। अधिकांश मामलों में गठिया रोगियों का समुचित उपचार नहीं हो पाता है। इन्हीं समस्याओं को फोकस करते हुए शनिवार की शाम ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम की ओर से एक बैठक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने की। उन्होंने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए गठिया रोग पर जागरूकता को आवश्यक बताया। इस मौके पर देश भर के डॉक्टरों ने शिरकत की। फोरम के सेक्रेटरी डॉ अमूल्य कुमार सिंह ने कहा कि रुमेटीइड गठिया एक दीर्घकालिक ऑटोइम्यून विकार है, जो मुख्य रुप से जोड़ों को प्रभावित करता है। इस मौके पर फोरम के चीफ पैट्रन डॉ एसएस झा सहित देश के प्रख्यात रुमेटोलाजिस्ट के साथ आर्थोपेडिक सर्जन और जनरल फिजिशियन भी मौजूद रहे। उद्घाटन सत्र के बाद रुमेटोलाजी पर साइंटिफिक प्रोग्राम किया गया। इसमें गाजियाबाद से डॉ अनिश अग्रवाल, मुम्बई से विनिता पंत, चंडीगढ से डॉ अमन शर्मा सहित अन्य कई उपस्थित रहे।

उम्र घटा देता है गठिया

गठिया इतना खतरनाक है कि यह प्रभावित व्यक्ति के उम्र को 10 से 15 साल तक घटा देता है। समस्या यह है कि इसके उपचार के लिए प्रशिक्षित रुमेटोलाजिस्ट डॉक्टरों की जरुरत होती है। लेकिन वर्तमान में अभी बहुत कम ही डॉक्टर इसके लिए प्रशिक्षित हैं। यह आयोजन इस समस्या के प्रति जानकारी साझा करने और जागरूकता बढ़ाने की पहल है। इससे पहले शनिवार की सुबह जेपी गोलंबर से एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इसे एनसीसी के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार ने फ्लैग ऑफ किया।