नई दिल्ली (एएनआई)। देश की राजधानी दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के छात्र संघ की हड़ताल जारी है। हालांकि इस दाैरान एम्स में मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। एम्स के डाॅक्टरों का कहना है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी लेकिन तत्काल प्रभाव से आपातकालीन सेवाएं शुरू कर दी गई हैं।

बिल के कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए हड़ताल पर

छात्र संघ के अध्यक्ष मुकुल कुमार और आरडीए प्रमुख अमरिंदर सिंह द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि मरीजों को ध्यान में रखते हुए, जनरल बॉडी मीटिंग ने रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा आपातकालीन सेवाओं को फिर से शुरू करने की बात कही है। दिल्ली समेत देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर्स नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) बिल के कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए हड़ताल पर हैं।

विरोध के बाद भी राज्यसभा से पास हो गया एनएमसी बिल

एनएमसी बिल जब 29 जुलाई को लोकसभा में पास हुआ था तब से ही डाॅक्टरों का विरोध शुरू हो गया था। फिर भी गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पास हो गया। इसके बाद से डॉक्टरों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। डाॅक्टर एमएमसी धारा 32 को लेकर चिंता जता रहे हैं। इसमें नए नियमों के तहत नॉन मेडिकल शख्स को लाइसेंस देकर दवाइयां लिखने और इलाज का अधिकार दिया जा रहा है। Doctors Strike : AIIMS समेत देश भर में डाॅक्टर्स हड़ताल पर, ओपीडी सेवाएं ठप

फिर से आपातकालीन सेवाएं बंद करने की दी चेतावनी

डाॅक्टर प्रस्तावित नेक्स्ट परीक्षा का उसके मौजूदा प्रारूप में भी विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा एग्जिट टेस्ट देने जैसी और भी कई चीजें हैं जिनका विरोध जारी है। इस संबंध में आरडीए का कहना है कि इस बिल पर राज्य के सभी सासंद फिर से मंथन करें यह भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो रेजिडेंट डॉक्टर एक बार फिर से आपातकालीन सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर होंगे।

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