-रिम्स में सीनियर और जूनियर रेजीडेंट्स ने नहीं किया काम

-पारा मेडिकल स्टूडेंट्स व टेक्निशियन कर रहे एमआरआइ और सिटी स्कैन

-जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बुलाई बैठक, प्रधान सचिव से भी की मुलाकात

RANCHI (23 Mar): रिम्स के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में दूसरे दिन भी काम ठप रहा। एक भी मरीज का अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। वहीं मरीजों का सिटी स्कैन और एमआरआइ भी पारा मेडिकल स्टूडेंट्स और टेक्निशियनों ने किया। इस दौरान रेडियोलॉजी के सभी सीनियर और जूनियर रेजीडेंट्स ने डायरेक्टर से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी निधि खरे से मिलकर उन्हें रेडियोलॉजी के बारे में अवगत कराया। बताया गया कि फैकल्टी नहीं होने के कारण रेडियोलॉजी की पीजी की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है। इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए उन्होंने रिम्स डायरेक्टर को असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली के लिए विज्ञापन निकालने को कहा। मौके पर डॉ.अजीत, डॉ.सुरेंद्र, डॉ.राजीव किस्कु, डॉ.श्याम, डॉ.मणिकांत, डॉ.अभिषेक सिन्हा, डॉ.चंद्रभूषण और डॉ.प्रशांत मौजूद थे।

जेडीए का मिला सपोर्ट

रेडियोलॉजी के पीजी डॉक्टरों की हड़ताल को जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन का भी साथ मिल गया है। शुक्रवार को रेडियोलॉजी में अध्यक्ष डॉ। अजीत के नेतृत्व में बैठक हुई। निर्णय लिया गया कि जब तक प्रोफेसरों की बहाली नहीं की जाती है, पेन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी। वहीं सोमवार से सभी पीजी डॉक्टर काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे।

बैठक के अहम मुद्दे

-एकमात्र संस्थान जहां एमडी रेडियोलॉजी और डीएमआरडी की होती है पढ़ाई

-1979 में सीट परमिट के बाद भी आजतक नहीं हो पाया रिकॉग्निशन

-सीट रिकॉग्नाइज नहीं होने से स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में

-रिकॉग्निशन नहीं होने के बाद भी लिया जा रहा एडमिशन

-एमसीआई के इंस्पेक्शन के बाद भी सीट रिकॉग्नाइज नहीं

-जिन सीटों पर एडमिशन के लिए एमसीआइ ने किया था अप्रूव्ड

-सात अप्रैल तक कमियों को नहीं किया दूर तो बंद हो जाएगा रेडियोलॉजी