यही वजह है कि टूरिस्ट से लेकर इंडिया के अदर प्लेस से आने वाले लोगों की संख्या डे टू डे कम होती जा रही है। होटल, रेस्टोरेंट के नाम पर यहां सिर्फ औपचारिकता की जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वेटनरी कॉलेज में डॉक्टर को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ आबस्ट्रेटिक्स एंड गाइनोकोलॉजी कांफ्रेंस आर्गनाइज किया गया। जिसमें पार्टिसिपेट के लिए आए डॉक्टरों की ठहरने की सही व्यवस्था नहीं की गई है। आयोजन समिति की अनदेखी का खामियाजा डेलीगेट्स को पहले दिन लौटकर भुगतना पड़ा। वहीं डेलीगेट्स की माने तो कैपिटल में आर्गनाइज के नाम पर सिर्फ मजाक किया गया है जहां पर 5 सौ लोगों को रखने तक के लिए अच्छे होटल नहीं है और न ही आयोजक की ओर से ही सही इंतजाम किया गया है। जिन डाक्टरों ने पहले रजिस्ट्रेशन करवाया उन्हें तो किसी तरह जगह मिल गई। जिन्होंने लास्ट टाइम रजिस्ट्रेशन करवाया, उन्हें जगह नहीं मिल पाई.
सारे होटल हुए फूल
सभी डॉक्टर्स ने पहले स्टार होटलों की पड़ताल की, लेकिन होटल मौर्या और पाटलिपुत्रा में उन्हें नो रुम मिला। इसके बाद जितने भी होटल थे वो भी पूरी तरह से फूल थे। छोटे-बड़े गेस्ट हाउस तक में नो रूम का बोर्ड लग गया। बाहर से आए डाक्टरों को जब होटल में रुम नहीं मिल पाया तो कुछ को गेस्ट हाउस में रखा गया है। तो कुछ को सर्विस अपार्टमेंट तक में शिफ्ट करना पड़ा है। कांफ्रेंस में शामिल डाक्टरों ने बताया कि एक रात गुजारने के लिए इन दिनों पटना में एक भी होटल नहीं है.
स्टार की मार से बाहर है पटना
होटल मौर्या फोर स्टार है। कई साल पहले पाटलिपुत्रा अशोक को थ्री स्टार मिला है। इसके अलावा जितने भी होटल है। वो कोई भी स्टार की लिस्ट में न तो शामिल है और न ही शामिल होना चाहते है। इस वजह से बाहर से जो भी आते है। पहले इन्हीं दोनों होटल को खोजते है। पटना में अब तक कोई भी फाइव स्टार नहीं खुल सका है.
4 से 14 हजार का रूम
इन होटलों में 4 हजार से लेकर 14 हजार तक ही रुम का किराया है। साथ ही एक से दो होटलों में ही लग्जरी सुविधा है। लेकिन सीट फूल होने के बाद वो जगह भी नहीं बच पाती है। जहां पर जाकर डाक्टर एक रात ठीक पाए। जंक्शन पर उतरने के साथ ही होटल की गलियां बनी हुई है। लेकिन उसमें वो सुविधा नहीं है कि कहीं भी कोई ठीक पाए.
जहां जगह मिले ढूढ़ लीजिए
होटल पाटलिपुत्रा अशोक के मैनेजर सचिन से एक कस्टमर के रुप में जब बात किया तो उनका जबाव सुनकर आप हैरत में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी बड़े होटल में रुम नहीं मिलेगा। एजेंसी की ओर से रुम की बुकिंग की गई है। फिलहाल बड़े होटलों में कहीं भी आपको जगह नहीं मिल पाएगी.
किन होटल में कितना सीट
होटल में अवलेबल
होटल मौर्या - 93
होटल पाटलिपुत्रा अशोक - 44
होटल चाणक्या - 110
होटल गार्गी - 57
पाटलिपुत्रा एक्जॉटिका - 40
क्लार्क - 28
बुद्दा इन - 25
सारे होटल हुए फूल यही वजह है कि टूरिस्ट से लेकर इंडिया के अदर प्लेस से आने वाले लोगों की संख्या डे टू डे कम होती जा रही है। होटल, रेस्टोरेंट के नाम पर यहां सिर्फ औपचारिकता की जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वेटनरी कॉलेज में डॉक्टर को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ आबस्ट्रेटिक्स एंड गाइनोकोलॉजी कांफ्रेंस आर्गनाइज किया गया। जिसमें पार्टिसिपेट के लिए आए डॉक्टरों की ठहरने की सही व्यवस्था नहीं की गई है। आयोजन समिति की अनदेखी का खामियाजा डेलीगेट्स को पहले दिन लौटकर भुगतना पड़ा। वहीं डेलीगेट्स की माने तो कैपिटल में आर्गनाइज के नाम पर सिर्फ मजाक किया गया है जहां पर 5 सौ लोगों को रखने तक के लिए अच्छे होटल नहीं है और न ही आयोजक की ओर से ही सही इंतजाम किया गया है। जिन डाक्टरों ने पहले रजिस्ट्रेशन करवाया उन्हें तो किसी तरह जगह मिल गई। जिन्होंने लास्ट टाइम रजिस्ट्रेशन करवाया, उन्हें जगह नहीं मिल पाई। सभी डॉक्टर्स ने पहले स्टार होटलों की पड़ताल की, लेकिन होटल मौर्या और पाटलिपुत्रा में उन्हें नो रुम मिला। इसके बाद जितने भी होटल थे वो भी पूरी तरह से फूल थे। छोटे-बड़े गेस्ट हाउस तक में नो रूम का बोर्ड लग गया। बाहर से आए डाक्टरों को जब होटल में रुम नहीं मिल पाया तो कुछ को गेस्ट हाउस में रखा गया है। तो कुछ को सर्विस अपार्टमेंट तक में शिफ्ट करना पड़ा है। कांफ्रेंस में शामिल डाक्टरों ने बताया कि एक रात गुजारने के लिए इन दिनों पटना में एक भी होटल नहीं है.
स्टार की मार से बाहर है पटना होटल मौर्या फोर स्टार है। कई साल पहले पाटलिपुत्रा अशोक को थ्री स्टार मिला है। इसके अलावा जितने भी होटल है। वो कोई भी स्टार की लिस्ट में न तो शामिल है और न ही शामिल होना चाहते है। इस वजह से बाहर से जो भी आते है। पहले इन्हीं दोनों होटल को खोजते है। पटना में अब तक कोई भी फाइव स्टार नहीं खुल सका है।
4 से 14 हजार का रूम इन होटलों में 4 हजार से लेकर 14 हजार तक ही रुम का किराया है। साथ ही एक से दो होटलों में ही लग्जरी सुविधा है। लेकिन सीट फूल होने के बाद वो जगह भी नहीं बच पाती है। जहां पर जाकर डाक्टर एक रात ठीक पाए। जंक्शन पर उतरने के साथ ही होटल की गलियां बनी हुई है। लेकिन उसमें वो सुविधा नहीं है कि कहीं भी कोई ठीक पाए.
जहां जगह मिले ढूढ़ लीजिए होटल पाटलिपुत्रा अशोक के मैनेजर सचिन से एक कस्टमर के रुप में जब बात किया तो उनका जबाव सुनकर आप हैरत में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी बड़े होटल में रुम नहीं मिलेगा। एजेंसी की ओर से रुम की बुकिंग की गई है। फिलहाल बड़े होटलों में कहीं भी आपको जगह नहीं मिल पाएगी.
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