- बोर्ड ने क्लास 11 वीं व 12वीं के लिए किया है फरमान जारी।

- काफी जगह से आ पहुंची कम अटैंडेंस की शिकायतें, इसी लिए उठाए है बोर्ड यह कदम।

Meerut

क्लास से गायब रहना, स्कूल में किसी बहाने से छुट्टी ले लेना और स्कूल बंक मारना अब सीबीएसई ने इन सभी मुद्दों को गंभीरता से लिया है। स्कूल से गायब रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये खबर झटका देने वाली है। क्योंकि अब उनका स्कूल से नदारत रहना उनके लिए खतरे से कम नहीं है। बोर्ड ने ऐसे स्टूडेंट को एग्जाम से वंचित रखने का निर्देश दिया है।

कम अटेंडेंस की शिकायतों पर उठाया कदम

सीबीएसई बोर्ड के पास अक्सर इस तरह की शिकायतें आती रही हैं, जिनमें स्टूडेंट की उपस्थिति संख्या कम होने के लिए स्कूलों ने लिखा है। बोर्ड ने क्लास 11वीं 12वीं में स्टूडेंट की कम अटेंडेंस को देखते हुए यह कदम उठाया है। सूत्र बताते हैं कि सीबीएसई के पास इस तरह की दस लेटर पहुंचे हैं, जिनमें शिकायतें आ रही हैं कि सीनियर सेकेंडरी के कुछ स्टूडेंट स्कूल कम आते हैं। सीबीएससी की गवर्निंग बॉडी में यह मुद्दा उठा कि कोचिंग सेंटरों और स्कूलों की मिलीभगत से स्कूलों में अटैंडेंस को मैनेज किया जा रहा है। इन कोचिंग सेंटरों में स्टूडेंट इंजिनियरिंग और मेडिकल के एग्जाम की तैयारी करते हैं और साथ हीं उन्हें 11वीं और 12वीं का सिलेबस भी पढ़ाया जाता है।

बोर्ड ने की थी मीटिंग

अभी कुछ दिन पहले ही बोर्ड ने अपनी मीटिंग में बताया था किस तरह से यह कुछ इलाकों में हाजरी का खेल चल रहा है। बोर्ड के सदस्यों ने भी माना तो देश के काफी हिस्सों में ऐसा हो रहा है। बोर्ड के अधिकारियों ने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए स्कूलों में 75 प्रतिशत अटेंडेंस के नियम को सख्ती से पालन करने को कहा है। बोर्ड के अनुसार इससे कम अटेंडेंस होने पर स्टूडेंट को एग्जाम देने की परमिशन नहीं दी जाएगी।

सख्ती बरते स्कूल

बोर्ड ने इस मामले में स्कूलों को अलर्ट कर सख्ती बरतने की भी बात कही है, स्कूलों को इस मामले में खुद ही सख्ती बरतनी होगी। इसके साथ पेरेंट्स को भी अलर्ट रखने के लिए स्कूलों के माध्यम से स्टूडेंट की अनुपस्थिति पर एक एसएमएस भेजा जाए। हालांकि अभी तक यह सुविधा स्कूलों में जूनियर लेवल पर चल रही है, लेकिन सीबीएसई ने अब ऑल क्लासेज के लिए इस तरह की सुविधा के जरिए पेरेंट्स को अलर्ट रखने की सलाह दी है।

इसी साल से नियम लागू

सीबीएसई ने इस नियम को इसी साल से लागू करने के लिए कहा है। स्कूलों को यह देखना होगा कि जो स्टूडेंट स्कूल में बराबर छुट्टी कर रहे हैं उनको अलर्ट करना होगा और अगर फिर भी नहीं मानते हैं तो ऐसे स्टूडेंट की जानकारी सीबीएसई को देनी होगी।

अक्सर देखा जाता है, बच्चा जब 11वीं या 12 वीं स्टेंडेंट में आता है तो वो सेल्फ स्टडी के बहाने से स्कूल अवाएड करने लगता है। जबकि स्कूल्स में जब एक्स्ट्रा क्लासेज चलती है तो वो भी उनके रिविजन के लिए की जाती है।

प्रेम मेहता, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल

स्टूडेंट अक्सर जब एक्स्ट्रा क्लासेज चलती है तो वो स्कूल को अवाएड करते हैं और कोचिंग या सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हैं। लेकिन मेरे हिसाब से स्टूडेंट को ऐसा नहीं करना चाहिए। स्कूलों में होने वाली एक्स्ट्रा क्लासेज को भी अटैंड करनी चाहिए और सेल्फ स्टडी भी जरुरी है।

डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर

स्कूलों कुछ ही बच्चे ऐसे होते हैं जो अक्सर कम संख्या में रहते हैं, अगर बच्चे लगातार स्कूल में एबसेंट रहते हैं तो उनके घर प्रियजनों से बात की जाती है।

कपिल सूद, प्रिंसिपल, जीटीबी