- शहर की सड़कों पर बरेलियंस डेली हो रहे डॉग बाइट का शिकार

- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एआरवी लगवाने के डेली लग रही लाइन

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90 मरीज डेली डिस्ट्रिक्ट आते हैं एआरवी लगवाने

586 लोगों को सात दिनों में स्ट्रीट डॉग ने काटा

214 लोगों पर किला इलाके में स्ट्रीट डॉग्स ने किया हमला

175 लोग बारादरी इलाके में स्ट्रीट डॉग्स का हुए शिकार

57 लोगों को कैंट इलाके में स्ट्रीट डॉग्स ने काटा

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बरेली : शहर की सड़कों पर स्ट्रीट डॉग्स ने लोगों का सड़क चलना मुश्किल कर दिया है। दिन हो या रात ये स्ट्रीट डॉग्स लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर रहे हैं। स्ट्रीट डॉग्स के हमलों का शिकार सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं। डेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में डॉग बाइट के शिकार लोग एआरवी लगवाने पहुंच रहे हैं। वहां भी लोगों को अपनी बारी के लिए लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी स्ट्रीट डॉग्स के हमलों से लोगों को बचाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इसके चलते शहर में स्ट्रीट डॉग्स का आतंक लगातार बढ़ रहा है।

किला के डॉगी सबसे ज्यादा खूंखार

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एआरवी लगवाने के लिए पहुंच रहे डॉग बाइट शिकार लोगों के पिछले सात दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो किला एरिया में सबसे ज्यादा लोग स्ट्रीट डॉग्स के हमलों का शिकार हुए हैं। 8 अगस्त से 16 अगस्त तक शहर में 586 लोग स्ट्रीट डॉग्स के हमलों में घायल हुए। इसमें सबसे ज्यादा 214 मामले किला इलाके के हैं। वहीं बारादरी एरिया में 175 और कैंट एरिया में 57 लोग स्ट्रीट डॉग्स के हमलों में घायल हुए। जबकि 94 लोगों को शहर के अन्य एरिया में स्ट्रीट डॉग्स ने काट कर घायल कर दिया। इन आंकड़ों से साफ है कि किला एरिया के स्ट्रीट डॉग्स सबसे ज्यादा खूंखार हैं।

घनी आबादी में ज्यादा आतंक

शहर के किला और बारादरी एरिया में काफी घनी आबादी है। आबादी के बीच ही मांस-मछली की भी दर्जनों दुकानें हैं। इन दुकानों से वेस्ट सड़कों पर फेंक दिया जाता है, जिससे खाने के लिए दुकानों के आसपास स्ट्रीट डॉग्स का झुंड जमा रहता है। दुकानों से फेंका गया वेस्ट खाते समय पास से गुजरने वाले लोगों पर ये स्ट्रीट डॉग्स हमला कर देते हैं।

बारिश में हो जाते हैं हमलावर

जानकारों की मानें तो बारिश का मौसम शुरू होने के साथ डॉग्स का मेटिंग पीरियड भी शुरू हो जाता है। इस दौरान डॉग्स ज्यादा हमलावर हो जाते हैं। वहीं मेटिंग पीरियड के बाद फीमेल डॉग्स प्रग्नेंसी के दौरान और प्रग्नेंसी के बाद ज्यादा खूंखार हो जाती हैं। पास से गुजरने पर ये डॉग्स किसी पर भी हमला कर देते हैं। इसी के चलते पिछले कुछ दिनों में शहर में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़े हैं।

डेट कुल मरीज कैंट बारादरी किला अन्य

आठ अगस्त 64 12 18 24 -

नौ अगस्त 86 25 26 35 -

दस अगस्त 89 20 24 35 -

बाहर अगस्त 38 - 12 15 11

तेरह अगस्त 108 30 35 38

चौदह अगस्त 63 20 15 28

सोलह अगस्त 117 45 55 17

5 हजार डॉग्स की हुई नसबंदी

नगर निगम के पर्यावरण अभियंता व नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान ने बताया कि अब तकक लगभग पांच हजार डॉग्स की नसबंदी हुई है। अगले महीने से टीम शहर के पॉश इलाकों को चिह्नित कर कुत्तों की नसबंदी कराएगी।

वर्जन

सुबह के समय पास की दुकान से सामान लेने जा रहा था, अचानक कुत्तों का झुंड आ गया जब तक मैं बच पाता कुत्तों ने हमला कर दिया।

ध्रुवपाल, सुभाषनगर

दो दिन पहले दोपहर में मैं घर जा रहा था, घर के पास ही कुत्ता कुछ खा रहा था, जैसे ही मैं उसके पास से गुजरा तो मुझे काट लिया।

सतीश, कैंट

आज सुबह मेरा बेटा फरजान घर के बाहर खेल रहा था। अचानक कुत्तों का झुंड आ गया और उस पर हमला करके लहुलुहान कर दिया।

अरशद, जोगी नवादा

रोजाना वैक्सीन की बीस वाइल की खपत होती है। शहर से जो भी पेशेंट आ रहे हैं उन्हें वैक्सीन लगाई जा रही है। फिलहाल वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।

डॉ। सूरज पांडे, फार्मासिस्ट