- मकान की पहली मंजिल पर छिपा रहा परिवार

- पागल कुत्ते की शिकायत पर सबने झाड़ा पल्ला

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

अभी तक आपने कुत्ते के काटने के आतंक की बात तो सुनी होगी, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि एक कुत्ता पूरे परिवार को बंधक बना सकता है। वो भी 38 घंटे तक। जी हां यह अजीबो-गरीब घटना हुई है अलीनगर में। जहां एक रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मचारी के पूरे परिवार को कुत्ते के आतंक के कारण घर में कैद रहना पड़ा। न पड़ोसियों ने कोई मदद की और न प्रशासन ने। नगर निगम और वन विभाग के अफसर तो मामले को एक दूसरे का बताते रहे। अंत में जब कुत्ता मर गया तो परिवार रिहा हो सका।

कुत्ते पकड़ने का नहीं है टेंडर

बताया जाता है कि पीडि़तों ने यूपी 112 पर सूचना दी तो दहशत में कांस्टेबल मकान के पीछे से सीढ़ी लगाकर घर में पहुंचे। पुलिस ने पानी फेंके, पटाखे फोड़े लेकिन सारे जतन फेल हो गए। थकहार कर पुलिस भी लौट गई। वन विभाग के अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए। नगर निगम के लोगों ने यह कह कर जिम्मेदारी पूरी कर ली कि उनका काम साड़ और गाय पकड़ना है। कुत्तों को पकड़ने का टेंडर नहीं हुआ है। यह सब कुछ अली नगर मोहल्ले में चलता रहा। शनिवार सुबह जब ग्राउंड फ्लोर पर छिपे कुत्ते की मौत हो गई। तब जाकर परिवार के लोग बाहर निकल पाए। सवाल यह उठता है कि आखिर इस तरह की परेशानी आने पर कौन जिम्मेदारी उठाएगा। जबकि नगर निगम लोगों से हाउस टैक्स वसूलकर सुविधाएं देने के दावे करता है।

पांच लोगों को काटकर घुसा पागल कुत्ता

कोतवाली, अलीनगर चौराहे के पास रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मचारी आरडी मिश्रा का मकान है। गुरुवार शाम करीब चार बजे परिवार के लोग मकान की पहली मंजिल पर थे। तभी सड़क पर जा रहे लोगों ने शोर मचाया। लोग जोर से चिल्लाएं कि आप के घर में पागल कुत्ता घुस गया है। इतनी देर में आरडी मिश्रा के घर के सामने पब्लिक जमा हो गई। हुआ यह था कि पागल कुत्ता पांच लोगों को काटने के बाद उस मकान में दाखिल हुआ। मकान के मेन गेट के भीतर जाने पर सीढ़ी बनी हैं जहां से ऊपर की मंजिल पर जाया जाता है। सौ साल से अधिक पुराने मकान में परिवार के जो सदस्य पहली मंजिल के कमरों में थे। वह वहीं पर कैद होकर रह गए। अगल-बगल के लोगों ने फैमिली मेंबर्स को बताया कि काफी खतरनाक कुत्ता है। पहली मंजिल पर बैठे लोग डंडा लेकर सीढ़ी पर उतरे तो हमला बोल दिया। डर की वजह से लोगों ने दरवाजा बंद कर लिया। कुत्ते की तरफ एक प्लाईबुड फेंककर घर में छिप गए।

सड़क पर निकलता तो कईयों को कर देता घायल

हालत यह हुई कि लोगों के लिए घर से बाहर निकलने में मुश्किल हो गई। बाहर से जाने वाले इंट्री नहीं कर पा रहे थे। कुछ युवकों ने उत्साह दिखाकर कुत्ते को निकालने की कोशिश की, लेकिन वह बाहर नहीं निकला। यह सोचकर कि यदि वह सड़क पर जाएगा तो कई लोगों को शिकार बनाएगा। इस वजह से लोगों ने बाहर का दरवाजा बंद कर दिया। इस तरह से मकान में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा। परेशान फैमिली मेंबर्स ने वन विभाग को सूचना दी। डीएफओ ने कहा कि यदि चीता, तेंदुआ या अन्य जंगली जानवर होता तो हम पकड़ भी लेते। सॉरी बोलकर उन्होंने फोन काट दिया।

लौट गई पीआरवी

लोगों ने मोहल्ले के पार्षद को प्राब्लम बताई। कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है। फिर कुत्ते के उछलने, हमलावर होने की सूचना लोगों ने पुलिस को दी। पीआरवी के जवान पहुंचे तो मकान के पीछे से सीढ़ी लगाकर घुसे। बाजार से पटाखा लाकर फोड़ा। आग जलाकर कुत्ते को डराने की कोशिश की। लेकिन हर बार भगाने की कोशिश में कुत्ता ज्यादा खतरनाक होता चला जा रहा था। ढाई-तीन घंटे की कोशिश के बाद पीआरवी वाले भी लौट गए। कामकाज से बाहर गए लोगों को मकान के पीछे से सीढ़ी लगाकर सीधे पहली मंजिल पर दाखिल कराया गया। इस बीच फैमिली मेंबर्स नगर निगम को सूचना दी। जिम्मेदारों ने यह कहकर अपनी कार्रवाई पूरी कर ली कि वह सिर्फ गाय पकड़ते हैं। इसका टेंडर नहीं हुआ है। ऐसे में शुक्रवार को दिनभर परिवार के लोग बाहर नहीं निकल पाए। शनिवार सुबह कुत्ते की कोई हरकत न होने पर लोग करीब गए तो वह भूख-प्यास से निढाल पड़ा था। तब लोगों ने सफाई कर्मचारियों को बुलाकर उसे घर से बाहर निकवाया। इसके बाद ही परिवार के सदस्य कहीं बाहर जा सके।

आखिर कौन जिम्मेदार, कमरे ना होते क्या करते

शहर के भीतर एक परिवार 38 घंटे तक कुत्ते के खौफ में रहा। उसके डर से हर सदस्य लाठी लेकर बैठा रहा। सूचना देने पर जिम्मेदार लोग अपनी एक दूसरे पर मामला टालते रहे। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि शुक्र है मकान में कई कमरे थे। परिवार के लोग पहली मंजिल पर थे। यदि छोटी जगह होती तो क्या कर पाते। ऐसे में वह पागल कुत्ता कई लोगों को काट खाता। यदि वहां से भगा दिया जाता तो रास्ते में कई लोगों को अपना शिकार बनाता। गनीमत रही है कि उनकी जान निकल गई। पागल कुत्ते के शिकार लोग दो दिनों से जिला अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं।