- महिला इंस्पेक्टर को कॉल करके लगा रहे गुहार

- शराब की बिक्त्री पर पाबंदी जारी रखने की मांग उठा रहीं महिलाएं

GORAKHPUR: लॉकडाउन की वजह से एक तरफ जहां कुछ महिलाओं की मुश्किल बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाएं काफी खुश हैं। वो चाहती हैं कि शराब की बिक्त्री परमानेंट बंद हो जाए। इससे उनके घरों में खुशहाली आएगी। ऐसी महिलाएं, महिला थाना की इंस्पेक्टर अर्चना सिंह को फोन करके यह पूछ रही हैं कि क्या आगे भी शराब की बिक्त्री बंद रहेगी। पति के शराब पीने से पीडि़त महिलाएं काफी खुश हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग भी हैं जिनकी पत्‍‌नी लॉकडाउन में मायके चली गई थीं। वह लोग अपनी पत्‍‌नी को बुलाने की रिकवेस्ट कर रहे हैं। महिला थाना प्रभारी ने बताया कि आम दिनों की अपेक्षा पति-पत्‍‌नी के बीच होने वाले झगड़े कम हो गए हैं। मारपीट की इक्कादुक्का शिकायतों पर डायल 112 पहुंच रही हैं।

मेरी पत्‍‌नी मायके गई है बुलवा दीजिए

लॉकडाउन के पहले बच्चों के स्कूलों में छुट्टी हो गई थी। इसलिए कई महिलाएं बच्चों संग मायके चली गईं। लोगों ने सोचा था कि अप्रैल मंथ में जब स्कूल का सेशन शुरू होगा तो बच्चों को वापस लेकर आएंगीं। इस बीच कोरोना वायरस के संकट से लॉकडाउन हो गया। इस चक्कर में जो जहां था, वहीं पर फंसा रह गया। कुछ परिवारों में पत्‍‌नी के मायके जाने पर किसी तरह से भोजन-पानी एडजस्ट करने वाले लॉकडाउन में खासे परेशान हैं। होटल और ढाबे बंद होने से उनको खाना बनाने में प्रॉब्लम आ रही तो पत्‍‌नी को याद कर रहे हैं। इसलिए लोग महिला थानेदार को फोन करके किसी भी तरह से पत्‍‌नी को वापस बुलाने का इंतजाम करने की गुहार लगा रहे हैं। महिला थाना पुलिस का कहना है कि आम दिनों की अपेक्षा आपस में मारपीट और तकरार की शिकायतें नहीं आ रही हैं। इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दिया जाए तो आम दिनों की अपेक्षा कोई गंभीर शिकायत भी नहीं आ रही है।

बॉक्स

जरूरतमंदों को राहत बांट रही महिला पुलिस

महिला थाना प्रभारी अर्चना सिंह की टीम भी लॉकडाउन में जरूरतमंदों को भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रही हैं। महिला थाना प्रभारी रोजाना अपनी जीप में भोजन और पानी लेकर निकलती हैं। रास्ते में मिलने वाले लोगों को वह खुद अपने हाथों से भोजन का पैकेट देती हैं। महिला थानेदार की टीम रोजाना शहर के विभिन्न इलाकों में निकल रही है। माइक के जरिए लॉकडाउन का पालन कराने संबंधित निर्देश देते हुए पब्लिक को जागरूक कर रही हैं। महिला थाना पर पहुंचने वाले बच्चे उनको अपने गुल्लक के पैसे भी दे रहे हैं ताकि जरूरतमंदों को राहत का सामान पहुंचाने में प्रॉब्लम न हो।

फैक्ट फीगर

2020 में सामने आए एप्लीकेशन

महिला थाना में पहुंची शिकायतें- 78

बिना बच्चों वाले दंपति के बीच मुकदमा- 03

2019 में महिला थाना में आई शिकायतें

कुल शिकायतों की तादाद- 2000

न्यायालय में भेजी गई शिकायतें- 200

पीडि़त और आरोपितों के बीच समझौते- 1300

महिला थाना पर दर्ज हुई एफआईआर- 94

बिना बच्चों के परिजनों के बीच एफआईआर- 18

वर्जन

लॉकडाउन के दौरान कोई विशेष शिकायत नहीं आई है। मारपीट के मामलों की शिकायत कम हुई है। जिन महिलाओं के पति ज्यादा शराब पीते थे, शराब पीने की वजह से उनके घर में बवाल होता था। वह लोग फोन करके कह रही हैं कि मैडम इस बंदी को आगे बढ़वा दीजिए।

अर्चना सिंह, एसएचओ, महिला थाना