वाशिंगटन/सिडनी (रॉयटर्स) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए फंडिंग रोक दी है। इस महामारी को लेकर अपने प्रशासन की प्रतिक्रिया की आलोचना करने के लिए गुस्साए ट्रंप एक तरह से डब्ल्यूएचओ अपना दुश्मन मान चुके हैं। जिनेवा-स्थित संगठन ने वायरस के बारे में चीन के 'दुष्प्रचार' को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण दुनिया में संभवतः यह वायरस तेजी से फैला है अन्यथा यह नहीं फैलता। ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस के प्रेस कांफ्रेंस में बताया, 'डब्ल्यूएचओ अपने मूल कर्तव्य में विफल रहा और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।'

अमेरिका ने दिया फंड

वहीं, चीन में विवादास्पद वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने चमगादड़ और अन्य जंगली जानवरों पर कोरोना वायरस प्रयोग किए, जिन्हें अमेरिकी सरकार द्वारा 3.7 मिलियन डॉलर का फंड दिया गया हैै। डेली मेल द्वारा प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, वैज्ञानिकों ने यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (निआइएच) की तरफ से फंडिंग मिलने के बाद एक परियोजना के हिस्से के रूप में चमगादड़ पर प्रयोग किया। अमेरिकी कांग्रेसी मैट गेत्ज ने कहा, 'मुझे यह जानकर घृणा है कि वर्षों से अमेरिकी सरकार वुहान इंस्टीट्यूट में खतरनाक और क्रूर पशु प्रयोगों को वित्त पोषित कर रही है, जिसने कोरोना वायरस के वैश्विक प्रसार में योगदान दिया हो सकता है। एक नए प्यू पोल में लगभग 30 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा कि उनका मानना है कि इस प्रयोगशाला में कोरोना वायरस के उत्पन्न होने की संभावना है।

डब्ल्यूएचओ के लिए संसाधनों को कम करने का यह समय नहीं

इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि यह डब्ल्यूएचओ के लिए संसाधनों को कम करने का समय नहीं है। उन्होंने एक बयान में कहा, 'अभी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक साथ खड़े होकर इस वायरस व इसके विनाशकारी परिणामों को रोकने का समय है।' बता दें कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सबसे ज्यादा दान करता है और इसने 2019 में संस्था को 400 मिलियन डॉलर से अधिक दिया था। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि वह ट्रंप की डब्ल्यूएचओ की आलोचनाओं के प्रति सहानुभूति रखते हैं। उन्होंने कहा कि हैरान करने वाली बात यह है कि डब्ल्यूएचओ चीन के उस बाजार को खोलने की बात कर रहा है, जहां से यह वायरस फैला। मॉरिसन ने बुधवार को एक ऑस्ट्रेलियाई रेडियो स्टेशन को बताया, 'लेकिन एक संगठन के रूप में भी डब्ल्यूएचओ हमारे लिए कई महत्वपूर्ण काम करता है और हम इसके साथ मिलकर काम करते हैं। हम यहां बच्चे को नहाने के पानी से बाहर नहीं निकलने जा रहे हैं लेकिन वे आलोचना से भी दूर नहीं हैं और चीजों को बेहतर करने की जरुरत है।

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया इसे खतरनाक कदम

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन प्रिसिडेंट डॉ। पैट्रिस हैरिस ने इसे 'गलत दिशा में एक खतरनाक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना को हराना आसान नहीं होगा और ट्रंप को पुनर्विचार करने का आग्रह किया। वहीं, अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने इसपर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया मांगी। इसके अलावा न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जैकिंडा अरदन ने कहा, 'ऐसे समय में जब हमें जानकारी साझा करने की आवश्यकता होती है और हमें सलाह देने की आवश्यकता होती है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं, डब्ल्यूएचओ ने प्रदान किया है। हम इसका समर्थन करते रहेंगे और अपना योगदान देते रहेंगे।'

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