- दून हॉस्पिटल की दो बिल्डिंग्स का काम नहीं हो पा रहा पूरा

- जांच के नाम पर राज्य सरकार ने रोक र2ाी है पेमेंट

- अब मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट को पुरानी बिल्डिंग्स का ही सहारा

DEHRADUND: उलर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के घोटालों की जांच से दून में 17 करोड़ के विकास कार्य लटक गए हैं। दरअसल राज्य सरकार निर्माण निगम के घोटालों की जांच कर रही है और जांच के नाम पर नगर निगम को दी जाने वाली पेमेंट पर भी रोक लगा दी गई है। इन कामों में दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की दो बिल्डिंग्स भी शामिल हैं, जिनका निर्माण लटक गया है।

जून में होना था हैंडओवर

यूपीआरएनएन के साथ हुए करार के अनुसार ये दोनों बिल्डिंग्स बीते जून महीने में ही मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट को हैंडओवर हो जानी चाहिए थी। लेकिन, इससे पहले ही स्टेट गवर्नमेंट ने कैबिनेट में एक फैसला लेकर निगम को नये काम न देने और जांच का काम पूरा होने तक तक सभी तरह की पेमेंट्स पर रोक लगा दी। उसके बाद से इन दोनों बिल्डिंग्स का काम भी करीब-करीब लटक गया है।

सिर्फ दिखावे के लिए काम

कहने को तो हॉस्पिटल की दोनों बिल्डिंग्स का काम आज भी चल रहा है, लेकिन वास्तव में यह केवल दिखावे के लिए ही हो रहा है। यूपीआरएनएन की रिकॉर्ड में दोनों बिल्डिंग्स पर काम चल रहा है, लेकिन मौके पर दोनों बिल्डिंग्स में सिर्फ दो-दो मजदूर काम कर रहे हैं। हाल ही में यूवीआरएनएन ने दावा किया था कि राज्य सरकार पर निगम के 14 करोड़ रुपये बाकी हैं।

हॉस्पिटल को पुरानी बिल्डिंग का सहारा

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल मैनेजमेंट अब तक उम्मीद कर रहा था कि दोनों बिल्डिंग जल्द मिल जाएंगी। इनमें से एक बिल्डिंग में ओपीडी शिफ्ट की जानी है, जबकि महिला हॉस्पिटल परिसर में बन रही बिल्डिंग में महिला वार्ड और ओटी शिफ्ट होने हैं। आने वाले दिनों में इन दोनों भवनों के हैंडओवर होने की कोई उम्मीद न देखते हुए अब मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट ने पुरानी बिल्डिंग्स में सुधार करके काम चलाने का फैसला किया है।

कब तक होगी जांच, पता नहीं

मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को भी पता नहीं कि यह जांच कब तक पूरी होगी और कब तक हॉस्पिटल के दोनों बिल्डिंग्स मिल पाएंगी। दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता कहते हैं कि जांच शासन लेबल पर हो रही है, ऐसे में कुछ भी कहना संभव नहीं है।

- यदि दोनों बिल्डिंग हमें हैंडओवर हो जाती तो हॉस्पिटल की सूरत ही बदल जाती, लेकिन जांच के कारण कार्यदायी संस्था को पेमेंट नहीं मिल पाई है और दोनों बिल्डिंग्स का काम फिलहाल आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

- डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता, प्रिंसिपल, दून मेडिकल कॉलेज।