--SSP ने दिया संकेत प्रतापगढ़ में मारे गए महेन्द्र से मिला जुलता है डॉ बंसल के हत्यारे का स्केच

12 जनवरी को अस्पताल के भीतर गोली मारकर की गई थी हत्या

ALLAHABAD: शहर के नामचीन डॉक्टर्स में से एक डॉक्टर अश्वनी कुमार बंसल की हत्या को बुधवार को तीन महीने हो जाएंगे। लोकल पुलिस के साथ एसटीएफ से लेकर क्राइम ब्रांच तक की टीमें लगा दी गई लेकिन न हत्यारों का कोई सुराग मिला और न ही हत्या के कारणों से पर्दा उठा। अब प्रतापगढ़ में हुई एक हत्या से डॉक्टर बंसल हत्याकांड का सुराग मिलने की संकेत मिले हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि तभी होगी जब फोरेंसिक टीम ओके कर दे। अभी जानकारी इनीशियल स्टेज और शक पर आधारित है।

तीन महीने में एक सुराग नहीं मिला

डॉ। बंसल की हत्या उनके जीवन ज्योति नर्सिंग होम में 12 जनवरी को उस वक्त की गई थी जब वह अपने केबिन में बैठे पेशेंट को देख रहे थे। गोली मारकर बदमाश आराम से निकल गए और किसी कोई उनका कोई सुराग नहीं मिला। सीसीटीवी फुटेज में चेहरे दिखे लेकिन, ये चेहरे घटना के बाद कहां गुम हो गए किसी को नहीं पता। अभी तक तो पुलिस को इनफैक्ट यह भी पता नहीं है कि हत्या में कुल थे कितने लोग शामिल। हत्यारों ने खुद के लिए यह काम किया या किसी ने सुपारी देकर उनसे यह काम कराया। सोमवार को पुलिस को मो शमी की हत्या से जुड़े अभियुक्तों के जरिए कुछ ऐसे क्लू मिले जिससे पुलिस को डॉ। बंसल हत्याकांड में रोशनी की किरण मिलने की संभावना जगी है।

जिस पर शक उसका हो चुका मर्डर

पुलिस को शक है कि बसपा नेता और मऊआइमा के पूर्व ब्लाक प्रमुख मो शमी की हत्या में शामिल महेन्द्र पासी का चेहरा हू-ब-हू उन अपराधियों में एक से मिलता है जिनका स्केच डॉ एके बंसल की हत्या के बाद जारी किया गया था। पुलिस हत्यारों के स्केच से महेन्द्र के चेहरे का मिलान कर रही है। इसके लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट का सहारा लिया जा रहा है। बात आगे बढ़ी तो फिर से हत्याकांड की जांच की जाएगी। चेक कराया जाएगा कि बंसल की हत्या के दिन महेन्द्र और उसके साथियों की लोकेशन कहां थी। उनको बैकअप देने वालों के साथ ही संरक्षणदाताओं के बारे में भी पता लगाया जाएगा ताकि हत्याकांड का खुलासा हो सके।

बंसल हत्याकांड में जारी किए गए स्केच में से एक चेहरा महेन्द्र से काफी मिलता-जुलता है। फोरेंसिक एक्सप‌र्ट्स से मिलान की कोशिश हो रही है। पॉजिटिव संकेत मिला तो हत्याकांड की जांच नए सिरे से की जाएगी ताकि पूरा घटनाक्रम खुल सके।

शलभ माथुर

एसएसपी, इलाहाबाद