सात प्रांतो के मुद्दे पर विरोध

नेपाल के नए संविधान का अंतिम मसौदा रविवार को संविधान सभा में भारी विरोध के बीच पेश कर दिया गया। इस बीच, मधेशी पार्टियों के सदस्यों और दूसरे विपक्षी समूहों ने प्रदर्शन किए और नारे लगाए। संविधान मसौदा समिति के चेयरमैन कृष्ण प्रसाद सितौला ने संशोधित मसौदे को सभा में पेश किया, जिसमें इस महीने की शुरुआत में पार्टियों के बीच ऐतिहासिक तौर पर छह प्रांतों पर बनी सहमति के बजाय अब इसमें सात प्रांतों की बात शामिल की गई है।

बुधवार को होगी प्रारूप पर चर्चा

संविधान सभा के सभापति सुभाष चंद्र नेमबांग ने बुधवार सुबह आठ बजे तक इस बाबत चर्चा करने के लिए सदन की एक बैठक बुलाई है। सितौला ने राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी-नेपाल के विरोध के बावजूद पेश किया। इस दौरान सभा में जमकर नारेबाजी हुई। विरोध करने वाली पार्टियां संविधान में नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रही थीं। इसी तरह फोरम-लोकतांत्रिक समेत कई मधेश केंद्रित पार्टियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया। ये लोग संविधान में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

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