- चीन से आने वाले 30 से अधिक आइटम के ना आने से कई आइटम हुए महंगे

- सबसे ज्यादा असर होली के त्योहार पर देखने को मिलेगा

- कई चाइनीज के आइटम्स हुए महंगे

LUCKNOW: कोरोना वायरस की वजह से ड्रैगन से बढ़ी दूरी का असर राजधानी के बाजार में दिखने लगा है। इसकी वजह से राजधानी के बाजार का रंग फीका पड़ने लगा है। ऐसे में खिलौने, पिचकारी के साथ मोबाइल और इलेक्ट्रानिक्स आइटम पर महंगाई का रंग चढ़ने लगा है। व्यापारियों के अनुसार चाइना से दो दर्जन से अधिक आइटम यहां पर आते हैं, लेकिन वायरस की वजह से वहां के व्यापारी संपर्क नहीं कर रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस की वजह से यहां के व्यापारी चीन जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं।

इस साल चीन से नहीं आई पिचकारी

व्यापारियों के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से इस बार सबसे अधिक होली का बाजार प्रभावित होगा। मार्केट में इस साल चीन से आने वाली पिचकारियां नहीं पहुंची हैं, जो अधिकांश चीन से आती हैं। पिछले साल के आइटम ही लोग बेच रहे हैं। ऐसे में जो पिचकारी 300 की थी वह 500 की पहुंच गई है। पिचकारी में प्लास्टिक गन, पिट्ठू बैग सहित कई आइटम के दाम बढ़ गए हैं। अभी तक लोगों ने होली की खरीदारी शुरू भी नहीं की है। ऐसे में त्योहार के आखिरी दौर में खरीदारी करने वाले लोगों को पिचकारी जैसे आइटम के लिए भटकना भी पड़ सकता है।

सभी आइटम्स के दाम बढ़े

इसके अलावा मार्केट में चाइना से इलेक्ट्रानिक्स आइटम की बड़ी रेंज आती है। इसमें मोबाइल फोन, ईयर फोन, ब्लू टूथ, स्पीकर, कम्प्यूटर, लैपटॉप के साथ ही टीवी, फ्रिज भी शामिल हैं। ऐसे में इनके दाम में भी इजाफा होना शुरू हो गया है। इन सभी आइटम्स पर 500 से लेकर दो हजार रुपए तक बढ़ गए हैं।

कितना बढ़ गया दाम

ब्लू टूथ -50 रुपए महंगा

ईयर फोन- 20 रुपए

फ्रिज, टीवी और वाशिंग मशीन के दाम 2000 रुपए

कम्प्यूटर और लैपटाप और मोबाइल के दाम 2500 तक बढ़े

कोट

चाइनीज आइटम की डिमांड साल भर रहती है, लेकिन इस समय चीन से माल ना आने के कारण इनके दाम बढ़ गए हैं। गर्मी शुरू होने के साथ फ्रिज की डिमांड बढ़ गई है। बिजली के भी कई उपकरण चीन से आते हैं। यदि वहां से सप्लाई शुरू नहीं हुई तो बाजार और भी प्रभावित होगा।

पवन मनोचा

महामंत्री

लखनऊ व्यापार मंडल

कोट

जल्द ही माहौल में सुधार नहीं हुआ तो लोगों को चाइनीज आइटम के विकल्प तलाशने होंगे। हालांकि चाइनीज आइटम सस्ते होने के कारण इनकी सेल अधिक होती है, लेकिन जापान के आइटम भी मार्केट में मौजूद हैं। फिलहाल स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है। न तो वहां के व्यापारी यहां संपर्क कर रहे हैं, न ही यहां के व्यापारी वहां संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

पराग गर्ग

व्यापारी