RANCHI: रिम्स के इमरजेंसी, ओपीडी समेत कई वार्डो में दूसरे दिन भी बारिश का पानी जमा रहा। ड्रेनेज सिस्टम फेल हो जाने के कारण गंदा पानी भर गया है। इस कारण मरीजों व अटेंडेंट के बीच महामारी की आशंका बढ़ गई है। ड्रेनेज जाम होने के कारण हास्पिटल के ग्राउंड फ्लोर के कई वार्ड डूब गए है। मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हास्पिटल का रिकार्ड भी डूबा

स्थिति यह कि वार्डो के अलावा एमआरडी में भी हास्पिटल का रिकार्ड पानी में डूब गया है। जबकि रिम्स में सिवरेज-ड्रेनेज का काम पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (पीएचइडी) देखता है। इसके लिए डिपार्टमेंट को रिम्स प्रबंधन एक करोड़ आठ लाख रुपए का भुगतान करता है। वहीं, समय-समय पर सूचना भी विभाग को दी जाती है। इसके बावजूद पीएचइडी के अधिकारी देखने तक नहीं आते हैं।

मच्छरों का आतंक बढ़ा

हास्पिटल का ड्रेनेज फेल हो जाने के कारण वार्डो में पानी भर जा रहा है। वहीं, हास्पिटल के बेसमेंट में भी काफी पानी जमा हो गया है। स्थिति यह है कि अगर जल्द ही सफाई की व्यवस्था नहीं की जाती है तो हास्पिटल में महामारी फैल जाएगी। चूंकि गंदा पानी भर जाने के कारण मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। वहीं कई तरह की बीमारियों का भी खतरा बढ़ता जा रहा है।

सफाई पर खर्च तीन करोड़

कालोनी से लेकर वार्डो और हास्टल में सफाई का जिम्मा अन्नपूर्णा यूटिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। उसे इसके लिए हर साल फ् करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है।

इन जगहों पर भर जा रहा है पानी

-आर्थो

-रेडियोलॉजी

-इमरजेंसी

-न्यूरो डिपार्टमेंट

-मेडिकल रिकार्ड रूम

-इनडोर की गैलरी

वर्जन

रिम्स में हमारे डिपार्टमेंट के लोग साफ-सफाई करते रहते हैं। लेकिन कंस्ट्रक्शन का काम बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने कराया है, जो कहीं से भी सही नहीं है। ऐसे में हमलोग कुछ नहीं कर सकते हैं। जहां तक ड्रेनेज जाम की बात है, तो स्टाफ को भेजकर सफाई करा दी जाएगी।

-तपेश्वर चौधरी, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीएचईडी