- दो मामलों पर मांगी गई थी जमानत पर बहस की अनुमति

- सीनीयर एडवोकेट केके पाहवा व अनिल बख्शी का हुआ घेराव

Meerut : वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच स्थापना की मांग को लेकर आगामी ख्0 दिसंबर तक हड़ताल के बावजूद केंद्रीय संघर्ष समिति पदाधिकारियों द्वारा दो जमानत प्रार्थना पत्रों पर अनुमति को लेकर कचहरी में वकीलों ने जमकर हंगामा किया। विरोध में धरनास्थल पर कुर्सियां उछाली गई। अनुमति लेने वाले अधिवक्ताओं का घेराव किया एवं परिसर में उनके बैनर आदि भी फाड़ दिए। समिति संयोजक ने जैसे-तैसे अधिवक्ताओं को शांत किया।

बहस की अनुमति

सोमवार को हुई केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि वेस्ट यूपी के अधिवक्ता आगामी ख्0 दिसंबर तक अब हड़ताल पर रहेंगे। कोई भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य नहीं करेगा। मंगलवार को अधिवक्ताओं को जानकारी मिली कि केंद्रीय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने हड़ताल के बावजूद दो मामलों में जमानत प्रार्थना पत्र पर बहस करने की अनुमति दी है। इनमें एक मामला आईएचएम इंस्टीट्यूट के एकाउंटेंट का था और दूसरा हापुड़ के एक छात्र का। इनमें एक की अनुमति वरिष्ठ अधिवक्ता केके पाहवा और दूसरी अनिल बख्शी ने ली थी।

वकीलों का विरोध

हड़ताल के बावजूद जमानत के लिए बहस की अनुमति देने की जानकारी से अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया। अधिवक्ता सुनील शर्मा एवं रवीन्द्र चौधरी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने नारेबाजी कर जमकर हंगामा किया। जुलूस के रूप में सभी अधिवक्ता कचहरी में चल रहे धरनास्थल पर पहुंच गए। वहां जमकर हंगामा किया। कुर्सियां इधर-उधर फेंक दी। इस पर अधिवक्ता आपस में भिड़ गए। काफी देर तक हंगामा हुआ। विरोध करने वाले अधिवक्ताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता केके पाहवा और अनिल बख्शी का भी घेराव किया। इतना ही नहीं, कचहरी में हाईकोर्ट बेंच के समर्थन में लगे अधिवक्ता केके पाहवा के बैनर आदि भी फाड़ दिए।

मानवीयता के आधार पर

अधिवक्ताओं का कहना था कि ऐसे अनुमति देने से हड़ताल का औचित्य नहीं रह जाता। साथ ही आंदोलन भी दरक जाएगा। काफी देर तक हंगामा होने पर संयोजक अनिल जंगाला ने माइक संभाला। उन्होंने अपनी ओर से सफाई भी दी। उनका कहना था कि मानवीयता के मद्देनजर दोनों अनुमति दी गई है। इनमें एक जेल में बंद युवक का उपचार न हो पाने के कारण गैंगरीन के कारण पैर तक काटने की नौबत आ रही है। पीडि़त के परिजनों द्वारा स्वयं मिलकर अनुरोध किया था। यह अनुमति पूर्व में दी गई थी। दूसरा मामला एक छात्र का था। परीक्षा के कारण उसे अनुमति दी गई है।

सभी को विश्वास में लिया जाए

हंगामा करने वाले अधिवक्ताओं का कहना था कि ऐसे मामलों में परीक्षण आदि करके ही अनुमति दी जाए। अन्य अधिवक्ताओं को विश्वास में लिया जाए। संयोजक ने कहा कि ऐसी अनुमति के लिए भविष्य में दो युवा अधिवक्ताओं को भी साथ रखा जाएगा। इसके बाद सभी अधिवक्ता मान गए। हंगामे के बाद सभी ने अधिवक्ताओं ने एकजुटता और हाईकोर्ट बेंच के समर्थन में नारे लगाए।

जिला बार ने भी किया विरोध

जिला बार एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष राजीव त्यागी व महामंत्री संदीप चौधरी ने मेरठ बार एसोसिएशन अध्यक्ष व महामंत्री के जमानती प्रार्थना पत्रों पर बहस की अनुमति देने का कड़ा विरोध किया। बैठक में धीरेंद्र तोमर, विजय शर्मा, अमित राणा, विक्रांत राज भारद्वाज, डूंगर सिंह, अशोक त्यागी, मनवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह ढाका आदि मौजूद रहे।