प्रमुख सचिव ने एयरपोर्ट के लिए जमीन खरीदने पर लगाई रोक

एमओयू साइन होने के एक साल पूरा होने के बाद कोई काम न होने के कारण शासन ने लिया निर्णय

इंवेस्टमेंट रिटर्न रेश्यो नेगेटिव आने के बाद एएआई ने नहीं दिखाया इंट्रस्ट

392 एकड़ में बनाया जाना था डॉमेस्टिक एयरपोर्ट

920 करोड़ की रुपए के मुकाबले 29.91 करोड़ रुपए किए जा चुके हैं रिलीज

sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं वो मेरठ के लिए काफी बुरी है। मेरठ में अभी एयरपोर्ट नहीं बनेगा। शासन ने एयरपोर्ट के लिए खरीदी जा रही जमीन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही जितनी जमीन खरीदी गई और रुपया दिया गया उसका ब्यौरा देने को कहा है। इसके लिए पहले प्रमुख सचिव ने सिविल एविएशन यूपी को लेटर लिखा। उसके बाद सिविल एविएशन यूपी के डिप्टी डायरेक्टर ने डीएम को लेटर लिखकर आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में एएआई और यूपी गवर्नमेंट के बीच एमओयू हुआ था। तब से लेकर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है।

शासन ने किया इनकार

प्रमुख सचिव की ओर से जारी हुए लेटर में साफ लिखा हुआ है कि फरवरी 2014 में यूपी गवर्नमेंट और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच में एयरपोर्ट बनाने को लेकर एमओयू साइन हुआ था। जुलाई 2014 में जिले की ओर से एएआई को सिविल एविएशन के माध्यम लैंड देनी शुरू कर दी गई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी एमओयू की शर्तो के अनुसार न तो एएआई ने हवाई पट्टियों पर कोई व्यवस्था की और न ही अपने परमानेंट स्टाफ की तैनाती की। 10 अप्रैल को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस बारे में बैठक भी हुई थी, जिसमें एएआई ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा था कि हवाई पट्टियों की परियोजनाओं का इंवेस्टमेंट रिटर्न रेश्यो (आईआरआर) नेगेटिव आया था। इसकी जानकारी एएआई की ओर से 1 जुलाई को स्टेट गवर्नमेंट को भी दी जा चुकी थी।

नहीं काम करना चाहता एएआई

प्रमुख सचिव ने साफ कर दिया है कि इन तमाम बातों के निकलने के बाद एएआई इस प्रोजेक्ट पर काम करने के मूड में नहीं है। अब जब तक एएआई और इंडियन गवर्नमेंट की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल जाता तब तक इस पर किसी तरह का कोई काम करना बेकार है। इसलिए अब एयरपोर्ट के लिए किसानों की जमीन खरीदने पर रोक लगाई गई है। आपको बता दें कि ये फैसला मेरठ के अलावा फैजाबाद और मुरादाबाद के लिए भी लिया गया है। गौरतलब है कि मेरठ में एयरपोर्ट के लिए 392 एकड़ की लैंड चिह्नित की गई थी, जिसके लिए सिविल एविएशन की ओर से जिले लैंड कॉस्ट के रूप में 920 करोड़ रुपए रिलीज किए जाने थे, जिनमें से 29.91 करोड़ रुपए रिलीज कर दिए गए थे।

शासन की ओर से लेटर आया था,

जिसके बाद लैंड क्रय की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। साल भर में एमओयू के अकॉर्डिग काम न होने के कारण इस पर फैसला हुआ है।

- पंकज यादव, डीएम