मुंबई (पीटीआई)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बांग्‍लादेशी व पाकिस्‍तानी घुसपैठियों को बाहर निकालने के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करने के दो दिन बाद, शिवसेना ने शनिवार को कहा कि इन देशों के मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर निकाला जाना चाहिए।

राज ठाकरे पर निशाना

शिवसेना ने राज ठाकरे के हिंदुत्‍व की ओर झुकाव पर भी कटाक्ष किया है कि वीडी सावरकर व स्‍व. बाला साहेब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा कोई बच्‍चों का खेल नहीं है। यह कहते हुए उसे ताना मारा कि दो झंडे मन की उलझन की स्थिति को दर्शाते हैं। 'पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम घुसपैठियों भारत से बाहर कर दिया जाना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। लेकिन यह देखना आश्‍चर्यजनक है कि एक पार्टी इसके लिए अपना झंडा बदल रही है,' पार्टी के मुखपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा। 'दूसरी बात, दो झंडे होना मन में भ्रम की स्थिति को दर्शाता है। राज ठाकरे ने 14 साल पहले अपनी पार्टी की स्थापना मराठी के मुद्दे के आधार पर की थी। लेकिन यह अब हिंदुत्‍व की ओर मुड़ता हुआ प्रतीत होता है। संपादकीय में आगे कहा गया।

मनसे का नया झंडा

राज ठाकरे ने गुरुवार को अपनी पार्टी का नया झंडा फहराया, ध्वज जो केसरिया रंग का है और छत्रपति शिवाजी के समय की 'राजमुद्रा' (शाही मुहर) को धारण करता है। उस दिन बाद में एक रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को स्‍पष्ट किया कि चुनाव में नए झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

सामना का संपादकीय

'सावरकर और बालासाहेब के हिंदुत्व के साथ व्यवहार बच्चों का खेल नहीं है। लेकिन हम बड़े दिल वाले हैं हिंदुत्ववादी रुख अपनाने वालों का स्वागत करते हैं। भले ही हिंदुत्ववादी विचारधारा उधार है। आगे बढ़ो, अगर तुम्‍हें लगता है कि आप यह कर सकते हैं,' उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा। इसने कहा कि MNS को हिंदुत्‍व पर अपने नए रुख से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है शिवसेना ने कभी भी भगवा को नहीं छोड़ा है। शिवसेना ने पहले ही मराठी मुद्दे पर बहुत काम किया है। इसलिए मनसे को मराठी लोगों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह आलोचना हो रही है कि राज ठाकरे हिंदुत्‍व की ओर मुड़ गए जैसा कि बीजेपी चाहती थी। लेकिन इस मोर्च पर भी एमएनएस को कुछ हासिल नहीं होगा क्‍योंकि शिवसेना ने पहले ही हिंदुत्‍व पर देश भर में बहुत काम किया है।'

महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार पर बनाने पर साफ किया रुख

'शिवसेना ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी ने अपनी विचारधारा को छोड़ दिया है। बीजेपी महबूबा मुफ्ती सहित किसी से भी हाथ मिला सकती है, लेकिन अगर दूसरे भी इसी तरह का राजनीतिक कदम उठाते हैं, तो यह जैसे की पाप बन जाता है! यद्यपि तीनों दलों (एनसीपी-सेना और कांग्रेस) की विचारधारा अलग है, उनके बीच एक आम सहमति है सरकार लोगों के कल्याण के लिए चलाई जाएगी। गुरुवार को अपने भाषण के दौरान, राज ठाकरे सीएए और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) का बचाव किया और यह भी घोषणा की कि मनसे 9 फरवरी को पाकिस्‍तान व बांग्‍लादेश के अवैध प्रवासियों को बेदखल करने की मांग को लेकर एक विरोध मार्च निकालेगी।

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