-आरटीओ आफिस में बढ़ गए डीएल के आवेदक

-कार्रवाई के डर से लाइन में लगकर बहा रहे पसीना

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450-से अधिक आवेदक डेली जमा कर रहे डीएल की फीस

300- से अधिक डेली पहुंच रहे लर्निग डीएल आवेदक

250-से अधिक डेली डीएल आवेदकों के हो रहे टेस्ट

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बरेली: अगर आपको आरटीओ से डीएल बनवाना है तो सारे काम छोड़कर लाइन में लगना होगा। ऐसा हम नहीं बल्कि आरटीओ के मौजूदा हालात बता रहे है। एक डीएल बनवाने के लिए लोगों को चार से पांच दिन की छुट्टी तक लेनी पड़ रही है। फिर चाहें वो प्राइवेट या गवर्नमेंट एंप्लॉय हो या फिर स्टूडेंट या बिजनेसमैन। यहां तक की लेडीज और दिव्यांगों के लिए भी आरटीओ में कोई रियायत नहीं है। सबके लिए एक ही रूल सुबह जल्दी आओ और लाइन में लग जाओ। हैरत की बात है कि घंटों लाइन में लगने के बाद भी डेली सैकड़ों लोग मायूस होकर लौट जाते हैं। लेकिन इसके बाद अधिकारियों ने एक काउंटर बढ़ाने तक की जहमत नहीं उठाई।

ऑफलाइन मोड में आरटीओ

आरटीओ में ऑनलाइन डीएल अप्लाई करने की सुविधा को दो से तीन महीने हो गए हैं, लेकिन उसके बावजूद पब्लिक को सहूलियत मिलने की जगह उनकी परेशानी बढ़ गई है। डीएम बनवाने के लिए उन्हें डेली जंग सा लड़ना पड़ रहा है।

ऐसे हो रहा काम

डीएल अप्लाई करने वाले आवेदक को आरटीओ के बाहर बनी एक छप्परनुमा दुकान पर ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए 50 रुपए और लर्निग या परमानेंट डीएल की फीस देनी पड़ती है। इसके बाद आवेदक को टेस्ट के लिए 20-25 दिन बाद की डेट मिलती है। इसके बाद आवेदकों को कमरा नंबर 11 में डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन, टेस्ट विभाग में टेस्ट और बायोमैट्रिक आदि के लिए लाइन लगानी पड़ती है। इस तरह से पूरे प्रॉसेस में चार से पांच दिन लग जाते हैं।

एजेंट लगा रहे सेंध

आरटीओ में चक्कर लगाने से बचने के लिए कई आवेदक आरटीओ ऑफिस के बाहर बैठे एजेंट्स को एक से डेढ़ हजार रुपए में डीएल बनवाने का ठेका दे देते हैं। आरटीओ के अफसरों को जानकारी होने पर भी वे इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

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यह बोले आरटीओ

रिपोर्टर-डीएल बनवाने के लिए पूरी व्यवस्था ऑनलाइन है, लेकिन फिर भी लाइन लग रही है।

आरटीओ-व्यवस्था पूरी ऑनलाइन है। आवेदक कहीं से भी ऑनलाइन फीस जमा कर सकता है। इसके लिए टेस्ट देने और पेपर वेरिफिकेशन के लिए आना पड़ता है।

रिपोर्टर-डीएल बनवाने के लिए कितना समय लगता है।

आरटीओ: आवेदक जिस दिन डीएल की फीस ऑनलाइन जमा करता है उसके लिए तुरंत टेस्ट के लिए डेट मिलती है। जिस दिन टेस्ट होता है उसके बाद वह उसे लर्निंग डीएल मिल जाता है।

रिपोर्टर: काउंटर पर भीड़ अधिक है इसके लिए लंबी लाइन लग रही है तो काउंटर क्यों नहीं बढ़ रहे है।

आरटीओ: आवेदक बढ़े हैं, इसके लिए काउंटर तो अभी नहीं बढ़ाए गए हैं। क्योंकि पूरी व्यवस्था ऑनलाइन है।

रिपोर्टर: क्या आवेदक को एक दिन में डीएल टेस्ट नहीं हो पता है उसे अगले दिन दोबारा लाइन लगानी पड़ती है।

आरटीओ: जितने आवेदक को टेस्ट के लिए बुलाया जाता है उसी दिन उनका टेस्ट हो जाता है।

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इससे तो अच्छा ऑफलाइन था

-डीएल के सुबह से लाइन में लगा हूं, पूरा दिन हो गया अपना बिजनेस छोड़कर आया हूं। आरटीओ को चाहिए कि काउंटर बढ़ाना चाहिए। ताकि पब्लिक को आसानी हो सके।

जाकिर, स्टूडेंट

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-लाइन में लगा हूं अभी तक नम्बर नहीं आया है। गर्मी में सभी लाइन लगाए हैं कि कहीं नम्बर न कट जाए। इतना समय तो लाइन में गुजर रहा है तो किस बात का ऑनलाइन सिस्टम जो पब्लिक को दर्द दे।

हसन, बिजनेसमैन

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ऑनलाइन डीएल की प्रक्रिया जब से हुई है पब्लिक को लाइन में खड़ा कर दिया है। इसके लिए पहले काउंटर बढ़ाने चाहिए थे। ताकि इतनी गर्मी, बारिश और धूप में लाइन न लगानी पड़ती।

रविन्द्र, बिजनेसमैन