-मेरठ के गांवों के सॉलिड और लिक्विड वेस्ट को प्रोसेसिंग प्लांट तक लाने की है योजना

-नमामि गंगे योजना के 12 गांवों में विधानसभा चुनाव के बाद शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

आई एक्सक्लूसिव

Meerut: मेरठ में गांव के गोबर से बिजली बनेगी। ग्रामीणों को प्रदूषण और बीमारियों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन का रास्ता साफ होगा। जिला प्रशासन ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनावों के बाद योजना को अमली जामा पहनाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत मेरठ के हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ ब्लाक में 12 उन गांवों से होगी जो नमामि गंगे योजना की जद में आ रहे हैं।

कुछ यह है प्लान?

भारत स्वच्छ मिशन के तहत संचालित ओपन डिफेक्शन फ्री (ओडीएफ) स्कीम के संचालन के दौरान गांवों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट के डिस्पोजल की योजना जिला प्रशासन ने बनाई। डीएम बी। चंद्रकला ने विकास विभाग और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर गांवों के कूड़े को गावड़ी स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक लाने की योजना बनाई है। डीएम का मानना है कि गांवों सॉलिड और लिक्विड वेस्ट को यदि गांवों के बाहर खपाने के बजाय डिस्पोजल प्लांट तक लाया जाए तो न सिर्फ गांवों को गंदगी से मुक्त किया जा सकेगा बल्कि ऊर्जा का उत्पादन भी होगा। जल्द ही गावड़ी प्लांट में कूड़े से बिजली उत्पादन की योजना नगर निगम की है।

नमामि गंगे के गांवों से शुरू

जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता मिशन और नमामि गंगे योजना के तहत मेरठ के हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ ब्लाक के 12 गांवों में समग्र स्वच्छता अभियान का संचालन किया जा रहा है। इन गांवों को 20 जनवरी तक ओडीएफ करने का लक्ष्य है तो वहीं दूसरे चरण में गांवों के कूड़े का डिस्पोजल शुरू होगा। सिंह ने बताया कि गावड़ी स्थित प्लांट से इन गांवों की दूरी करीब 40 किमी है। योजना है कि गांवों का गोबर और कूड़ा ट्रैक्टर से प्लांट तक लाया जाएगा। ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट शुरूआत में जिला प्रशासन वहन करेगा, एनर्जी का उत्पादन शुरू होने के बाद नोडल एजेंसी के साथ अनुबंध कर मेरठ की सभी गांवों से कूड़ा प्लांट तक लाने की योजना है।

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गांवों के कूड़े से बिजली बनेगी। डीएम के निर्देशन में जल्द ही इस योजना को पंचायती राज विभाग अमली जामा पहना रहा है। नमामि गंगे योजना की जद में आ रहे 12 गांवों का कूड़ा सर्वप्रथम गावड़ी स्थित प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।

-अनिल कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी, मेरठ

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इनसेट-

नालों की दो रिपोर्ट

गंगा शुद्धिकरण को कोर्ट गंभीर है। पहले सुप्रीम कोर्ट ने और अब हाईकोर्ट ने सभी जनपदों से गंगा में गिर रहे नालों के बारे में जानकारी मांगी है। मेरठ में हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ ब्लाक की 12 ग्राम सभाएं गंगा के तट पर स्थापित हैं। सरकार के निर्देश पर पंचायत राज विभाग इन गांवों से गंगा में गिर रहे नालों की जानकारी जुटा रहा है।