आगे आया फ्रांस
इस बारे में अब आगे बढ़कर ब्रिटेन का कहना है कि वह सीरियाई सीमा पर स्थित शरणार्थी शिविरों से हजारों और लोगों को अपने यहां शरण देने को तैयार है। गौरतलब है कि बीती रात समुद्र में डूबे आयलान के निर्जीव शरीर की तस्वीरों ने अनेक देशों के नेताओं पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा दिया है। वहीं आयलान के पिता ने बताया कि उसका पूरा परिवार नांव पर था। जिस समय नांव डूबी, उस समय आयलान और उनका दूसरा बेटा गालिब उनके हाथों से फिसल गए। इतना ही नहीं उनकी पत्नी की भी डूबने से मौत हो गई। पत्नी और बच्चों के शवों को लेकर वह सीरिया के सीमावर्ती शहर कोबाने लौट आए।      

अब नहीं चाहिए दुनिया से कुछ और
यहां आकर उन्होंने बताया कि अपने बच्चों को खोने के बाद अब उन्हें दुनिया से कुछ और नहीं चाहिए। अब वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि सीरिया का संकट जल्द से जल्द खत्म हो जाए। इस पूरे मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त एंटोनियो गुटेरेस ने यूरोपीय संघ को आगाह कर दिया है कि वह नन्हे आयलान की मौत के बाद अब निर्णायक पल का सामना कर रहा है।

बोले फ्रांस के राष्ट्रपति
इसके साथ ही उन्होंने यूरोपीय देशों से 2,00,000 शरणार्थियों के अनिवार्य पुनर्वास की भी अपील की है। इस तरह से लगातार बढ़ते तनाव के बीच जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने कहा कि वे इस बात पर पूरी तरह से सहमत हैं कि यूरोपीय संघ को अब अपने सदस्य देशों से तय संख्या में प्रवासियों को शरण देने के लिए कहना होगा।

पुतिन पहले ही चेता चुके थे  
इतना ही नहीं अभी भी बुडापेस्ट में पुलिस और सैकड़ों शरणार्थियों के बीच गतिरोध जारी ही रहा। इस क्रम में पुलिस ने शरणार्थियों को यूरोप के मुख्य गंतव्य जर्मनी की तरफ जाने के लिए उनकी ट्रेन यात्रा को रोक दिया है। इसके साथ ही हंगरी की कथित चालबाजी से नाराज 200 से 300 लोगों ने ट्रेन से उतरने तक से मना कर दिया। गौरतलब है कि तुर्की में इस समय पड़ोसी देश सीरिया के संघर्ष के कारण वहां के 18 लाख शरणार्थी पनाह लेने को मजबूर हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यूरोप का ये शरणार्थी संकट पश्िचम एशिया में पश्िचमी देशों की बनाई हुई नीतियों का नतीजा है। इस तरह के परिणामों की चेतावनी उन्होंने खुद दी थी।

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