- ऑफिशियल वेबसाइट पर दो साल से अपडेट नहीं हुआ दवाओं का स्टॉक

- तत्कालीन डीएम ने शुरू की थी सुविधा, जाते ही हुई ठप

- मनमानी पर उतारू हैं हॉस्पिटल्स

ALLAHABAD: सरकारी हॉस्पिटल्स में किस मर्ज की कौन दवा मौजूद है। इसकी जानकारी केवल वहां के स्टॉफ को होती है। पब्लिक को इस बारे में कुछ भी नहीं पता है। डॉक्टर ने पर्चे पर जो लिख दिया, वहीं मरीज को दी जाएगी। दवाओं का बेहतर ऑप्शन है या नहीं या फाइनेंशियल ईयर में कौन सी दवा की खरीद-फरोख्त की गई। इसकी जानकारी शायद ही किसी को हो। आलम यह है कि डिस्ट्रिक्ट की ऑफिशियल वेबसाइट पर दवाओं के स्टॉक की जानकारी पिछले दो सालों से अपडेट नहीं की गई है।

खरीद-फरोख्त में चल रही है मनमानी

हॉस्पिटल्स और सीएचसी-पीएचसी में दवाओं की खरीद के लिए हर साल शासन की ओर से करोड़ों रुपए का बजट दिया जाता है। ताकि, मरीजों को फ्री में बेहतर दवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। हॉस्पिटल्स इन दवाओं की खरीद-फरोख्त टेंडर के जरिए फार्मास्युटिकल्स कंपनियों से करते हैं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद किस हॉस्पिटल ने कौन सी दवा खरीदी, इसकी जानकारी पब्लिक को नहीं हो पाती है। उसे बेहतर दवाओं के लिए डॉक्टर और हॉस्पिटल स्टाफ पर निर्भर रहना पड़ता है।

ठप हो गया ट्रांसपैरेंट सिस्टम

वर्ष 2010 में हॉस्पिटल्स में उपलब्ध दवाओं की जानकारी पब्लिक तक पहुंचाने के लिए तत्कालीन डीएम ने व्यवस्था शुरू की थी। इसके तहत इलाहाबाद की ऑफिशियल वेबसाइट www.ALLAHABAD.nic.in मेडिसिन अवेलेबिलिटी का लिंक स्टार्ट किया था। इस पर मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की हॉस्पिटल वाइज दवाओं का स्टॉक देखा जा सकता था, लेकिन ऑफिसर के जाते ही यह ट्रांसपैरेंट सुविधा ठप हो गई। इसके बाद इस वेबसाइट पर दवाओं से संबंधित कोई अपडेट नहीं हुआ।

ये था पुराना स्टॉक

इस वेबसाइट पर अभी भी इस लिंक पर पुराने दवाओ के स्टॉक का डिटेल मौजूद है। जिसमें चीफ मेडिकल ऑफिसर के सीएमएसडी स्टोर, एनआरएचएम, डीएमएचएस व एफपी की ख्0क्0-क्क् की कुल क्फ्भ् दवाओं व इंजेक्शन की जानकारी दी गई है। इसी तरह बेली हॉस्पिटल में नवंबर ख्0क्0-क्क् की ख्08 दवाओं, कॉल्विन हॉस्पिटल की ख्0क्0 की क्ब्8 जनरल व भ्भ् इमरजेंसी ड्रग व डफरिन हॉस्पिटल में ख्0क्0-क्क् की कुल ख्क्0 दवाओं के स्टॉक की डिटेल दी गई है।

इसीलिए लिखते हैं बाहर की दवाएं

सरकारी हॉस्पिटल्स में फ्री दवाएं बांटने के निर्देश के बावजूद अक्सर बाहर की दवाएं लिखने का मामला सामने आता है। डीएम पी गुरु प्रसाद ने लास्ट वीक अपने दौरे में बेली हॉस्पिटल में ऐसा ही केस पकड़ा था और डॉक्टर को फटकार लगाई थी। ऐसे ही मामलों पर रोक लगाने के लिए वेबसाइट पर दवाओं की उपलब्धता की जानकारी देने के लिए सिस्टम बनाया गया था, जो अब मनमानी का शिकार हो चुका है।