डफरिन हॉस्पिटल में डिलीवरी कराने पर ढीली करनी पड़ रही जेब

पैसा लेने के बाद वार्ड से निकालने पर परिजनों ने किया हंगामा

ALLAHABAD: सरकार की महत्वाकांक्षी जननी सुरक्षा योजना यहां मजाक बन गई है। शहर के प्रतिष्ठित डफरिन हॉस्पिटल में प्रसव कराने के लिए प्रसूताओं के परिजनों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। बुधवार को ऐसे ही एक मामले में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पैसा लेने के बावजूद मरीज को वार्ड से निकाल देने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जमकर बवाल काटा।

जबरन ले लिए एक हजार

फूलपुर के कक्छा गांव के रहने वाले नरेंद्र कुमार बिजली विभाग में कर्मचारी हैं। मंगलवार को उन्होंने अपनी पत्‍‌नी ज्ञान देवी को डिलीवरी के लिए डफरिन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। दोपहर दो बजे महिला ने बेटी को जन्म दिया। परिजनों का कहना है कि डिलीवरी के नाम पर हॉस्पिटल स्टाफ ने एक हजार रुपए जबरन ले लिए। इसके बाद बुधवार को नरेंद्र कुमार वापस हॉस्पिटल पहुंचे तो देखा जच्चा-बच्चा और बहन को स्टाफ ने वार्ड से बाहर निकाल दिया था। पूछने पर बताया कि बेड खाली नहीं है, ज्यादा जरूरी हो तो प्राइवेट रूम ले लो। इसका परिजनों ने विरोध किया तो उनके साथ स्टाफ अभद्रता पर उतर आया।

सबने जताया विरोध

इस पर परिजन हंगामा करने लगे। देखते ही देखते वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों के परिजनों भी एकत्र हो गए। मामला बढ़ते देख हॉस्पिटल की सीएमएस को मौके पर जाना पड़ा। उन्होंने परिजनों को बमुश्किल समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद नरेंद्र की पत्‍‌नी और नवजात को वार्ड में दोबारा भर्ती किया गया। कुछ परिजनों ने दो से चार हजार रुपए तक वसूलने का भी आरोप लगाया।

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पहले भी मिली हैं शिकायतें

यह पहला मौका नहीं है जब परिजनों और मरीजों ने हॉस्पिटल स्टाफ पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है। इसके पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं जिनमें डिलीवरी के नाम पर पैसा लिए जाने की बात सामने आई है। भले ही नार्मल हो या सीजेरियन डिलीवरी का मामला हो। इसको लेकर पहले भी परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया। नरेंद्र कुमार ने मामले को लेकर सीएमएस को शिकायती पत्र सौंपा है।