यहां मोहर्रम पर होता है सोने-चांदी से लेकर गेहूं के अनोखे ताजिया का दीदार!
सोने-चांदी के ताजिया के दीदार को जुटता है शहर
गोरखुपर के मियां साहब इस्टेट में मौजूद सोने और चांदी की ताजिया, आजकल लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। इसके दीदार को हजारों लोग इमामबाड़े की ओर उमड़ पड़ते हैं। मोहर्रम के दस दिनों में ये खास ताजिया पिछले कई सालों से लोगों को अपनी ओर अट्रैक्ट किए हुए हैं।

यहां मोहर्रम पर होता है सोने-चांदी से लेकर गेहूं के अनोखे ताजिया का दीदार!
गोरखपुर के इमामबाड़े में देश की इकलौती सोने और चांदी की ताजिया मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर बाबा रोशन अली की बनवाई लकड़ी की ताजिया भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। मोहर्रम के दौरान सिर्फ चार पांच रोज के लिए ही लोग सोने और चांदी की बनी इन ताजिया का दीदार कर पाते हैं। यहां भारी संख्या में लोग अपनी मन्नतें मांगने के लिए जुटते हैं।

यहां मोहर्रम पर होता है सोने-चांदी से लेकर गेहूं के अनोखे ताजिया का दीदार!
गेहूं की इकोफ्रेंडली ताजिया
शहर में एक ऐसी भी ताजिया है जो इको फ्रेंडली है। इसे लोग गेहूं की ताजिया के नाम से जानते हैं, जो अपने आप में बहुत खास और लाजवाब है। साहबगंज में मौजूद यह ताजिया उम्दा कारीगरी और विज्ञान का शानदार नमूना है। आठ फीट ऊंची गेहूं की बालियों से सजी इस ताजिया को बनाने में करीब 25 किलो गेहूं के उत्तम किस्म के दानों का इस्तेमाल होता है। इस ताजिया को देखकर ऐसा लगता है कि मानों गेहूं की हरी भरी फसल इस पर लहलहा रही है। इसकी सूरत हर दो घंटों में बदलती रहती है। इसे चौथी मोहर्रम से बनाया जाता है और 9वीं मोहर्रम पर इसकी जियारत होती है।


Report: Syed Saim Rauf from Gorakhpur

Weird News inextlive from Odd News Desk

 

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