- लोकसभा चुनाव परवान चढऩे के साथ अफसरों पर बढ़े हमले

- रामपुर के अलावा रायबरेली के डीएम पर लगा भेदभाव का आरोप

- विपक्ष के निशाने पर आ चुके हैं डीजीपी, चुनाव आयोग भी नहीं बचा

 

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LUCKNOW: लोकसभा चुनाव परवान चढऩे के साथ ही ब्यूरोक्रेसी पर भी नेताओं के हमले तेज होते जा रहे है। मनमाफिक प्रचार न कर पाने और अफसरों द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन पर टोका जाना नेताओं को रास नहीं आ रहा नतीजतन वे अफसरों पर भेदभाव का आरोप लगाने से नहीं चूक रहे। हैरानी की बात यह है कि इसकी जद में सूबे के डीजीपी ओपी सिंह आ चुके हैं तो चुनाव आयोग के अधिकारी भी विपक्षी दलों के ऐसे आरोपों से नहीं बच सके है। रामपुर में तो गठबंधन प्रत्याशी आजम खां ने डीएम के खिलाफ बाकायदा मोर्चा ही खोल दिया है। इस पर आईएएस एसोसिएशन की चुप्पी को लेकर भी तमाम सवाल उठने लगे है।

रामपुर में मर्यादा तार-तार

रामपुर सीट पर डीएम आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ गठबंधन प्रत्याशी आजम खां ने सारी मर्यादा को भुलाते हुए कई बार आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जिसे लेकर तमाम आईएएस अफसरों में गहरी नाराजगी है। वे आईएएस एसोसिएशन पर इस मामले में हस्तक्षेप करने का दबाव डालने की कवायद भी कर रहे हैै। दरअसल इसकी शुरुआत रामपुर में उर्दू गेट तोडऩे से हुई थी। बाद में चुनाव की वजह से आजम खां के लाइसेंस असलहों के निरस्तीकरण ने आग में घी का काम कर दिया। इसी तरह रायबरेली की डीएम नेहा शर्मा के खिलाफ कांगे्रस ने मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को कांग्रेस ने चुनाव आयोग से डीएम की शिकायत भी की है। वहीं लखनऊ में भी तमाम उम्मीदवारों के पर्चे खारिज होने के बाद उन्होंने प्रशासनिक अफसरों पर ही पक्षपात करने के आरोप जड़ दिए।

बैन हटते ही जड़ दिया आरोप

चुनाव में गलत बयानबाजी की वजह से 48 घंटे तक प्रचार पर लगी पाबंदी के खत्म होते ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग को ही निशाने पर ले लिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा बीजेपी नेताओं के प्रति चुनाव आयोग की अनदेखी व गलत मेहरबानी जारी रहेगी तो फिर इस चुनाव का स्वतंत्र व निष्पक्ष होना असंभव है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मायावती ने पहले चरण की वोटिंग के दौरान डीजीपी ओपी सिंह पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि चुनाव में दलितों को वोटिंग करने से रोका जा रहा है।

आईपीएस हो गये एकजुट

खास बात यह है कि भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा द्वारा आईपीएस हेमंत करकरे को लेकर दिए गये आपत्तिजनक बयान के बाद आईपीएस एसोसिएशन ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। आईपीएस एसोसिएशन द्वारा इस बाबत ट्वीट किए जाने के बाद आईएएस एसोसिएशन ने भी उसका समर्थन किया पर यूपी में रामपुर के डीएम के खिलाफ आजम खां द्वारा आरोप लगाए जाने पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहंी दी।

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यूं तो हर चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा ऐसे अफसरों की शिकायतें की जाती रही हैं जिन पर सत्तारूढ दल के प्रति निष्ठावान होने का संदेह होता है। चुनाव आयोग ऐसी शिकायतों का परीक्षण करने के बाद ऐसे अफसरों को चुनाव प्रक्रिया से दूर भी रखता है। खास बात यह है कि इस बार चुनाव आयोग के पास ऐसी कोई शिकायत भी नहीं पहुंची थी। हालांकि नामांकन शुरू होने के बाद इसका सिलसिला शुरू हो गया है।