कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। रामचरित मानस भारतीय जनजीवन का आधार और दिव्य ग्रंथ है।इसकी प्रत्येक चौपाई मंत्रमय है, मंत्र स्वरूप है और साक्षात मंत्र है।जिस प्रकार साधना से कार्य सिद्धि होती है उसी प्रकार रामचरित मानस की चौपाइयों के जप,स्मरण से कार्यसिद्धि होती है।रामचरितमानस की चौपाई लोक कल्याणकारी मंत्र है।इन्हें मंत्र के रूप में सकाम और निष्काम दोनों प्रकार से अनुष्ठान में सम्पन्न किया जा सकता है।

इस विजयादशमी के स्वयं सिद्ध मुहूर्त में अपनी इच्छाओं के अनुरूप इन निम्न चौपाइयों को अनुष्ठान के रूप में विधिवत पढ़ने से कार्यसिद्धि प्राप्त होती है।यह निम्न हैं:-

1.--धन प्राप्ति के लिए:-

जिमि सरिता सागर मह जाही।
जद्यपि तांहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपत्ति विनाहिं बोलाए।
धर्मशील पह जाहिं सुभाएं।।

2.--दरिद्रता मिटाने के लिए:-

अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के।
कामद धन दारिद दवारि के।।

3.--जीविका प्राप्ति के लिए:-

बिस्व भरन पोषण कर जोई।
ताकर नाम भारत अस होई।।

4.--मनोरथ प्राप्ति के लिए:-

मोर मनोरथु जानहु नीके।
बसउ सदा उर पुर सब ही के।।

5.--इच्छित वर प्राप्ति के लिए:-

भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारी।

6.--मुकदमे में विजय प्राप्ति के लिए:-

पवन तनय बल पवन समाना।
बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना।।

7.--आकर्षण के लिए:-

जेहि के जेहि पर सत्य सनेहु।
सो तेहि मिलह न कछु संदेहू।।

8.--विद्या प्राप्ति के लिए:-

गुरु गृह गए पढन रघुराई।
अलप काल विद्या सब आई।।

9.--यात्रा की सफलता के लिए:-

प्रविसि नगर कीजे सब काजा।
हृदय राखि कौसलपुर राजा।।

10.--विवाह होने के लिए;-

तब जनक पाई बशिष्ठ आयसु ब्याह साज सँवारिके।
मांडवी श्रुतकीरति उरमिला कुंअरि लई हंकारि के।।

11.--प्रभुकृपा प्राप्ति के लिए:-

भगत बछल प्रभुकृपा निधाना।
श्री विश्वास प्रगटे भगवाना।।

12.--शत्रुनाश के लिए:-

दीनदयाल विरुद संभारी।
हरउ नाथ मम संकट भारी।।

13.--भूत-प्रेत बाधा निवारण के लिए:-

प्रनवउँ पवन कुमार खल बन पावक ज्ञान घन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर।।

14.--अपयश नाश के लिए:-

रामकृपा अवरेब सुधारी।
विबुध धारि भई गुनद गोहारी।।

15.--ऐश्वर्य एवं राज्यपद प्राप्ति के लिए:-

लगे सँवारन सकल सुर वाहन विविध विमान।
होई सगुन मंगल सुभद करहि अपछरा गान।

ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा।
बालाजी ज्योतिष संस्थान,बरेली।