- कूड़ाघाट एरिया के आधा दर्जन मोहल्लों में सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी गई थीं सड़कें

- ठेकेदारों ने छोड़ दीं टूटी-फूटी सड़कें, मिट्टी और गिट्टियां तक हटवाने की नहीं उठाई जहमत

- आने जाने में परेशानी झेल रहे करीब 20 हजार लोग, उड़ रही धूल बांट रही बीमारी

GORAKHPUR: अपनी उदासीनता से आए दिन पब्लिक के लिए मुसीबतें खड़ी करने वाले जल निगम की नई कारस्तानी ने 20 हजार से अधिक आबादी को सांसत में डाल दिया है। जल निगम के ठेकेदारों ने सीवर लाइन बिछाने के लिए कूड़ाघाट एरिया के आधा दर्जन मोहल्लों में सड़क खोदकर मिट्टी और गिट्टियां वैसे ही छोड़ दी हैं। इसके चलते उड़ रही धूल की वजह से लोग एलर्जी और सांस की बीमारी के शिकार होने लगे हैं।

खोदी सड़क, बनाना भूल गए ठेकेदार

कूड़ाघाट, गिरधरगंज और आसपास के के एरियाज में जल निगम की ओर से करीब 70 करोड़ के बजट से सीवर लाइन बिछाने का काम हुआ। हालांकि काम तो पूरा हो गया लेकिन ठेकेदारों ने सड़कों को टूटी-फूटी हालत में ही छोड़ दिया है। हाल ये कि खोदाई में निकली मिट्टी और उखड़ी गिट्टियां भी सड़क किनारे ही छोड़ दी गई हैं। जिसके चलते लोगों को आने-जाने में तो परेशानी हो ही रही है, दिन-रात उड़ रही धूल लोगों को बीमारियों का शिकार भी बना रही है। गुरुंग तिराहे के पास से एक सड़क मोहल्ले से होकर कूड़ाघाट की तरफ निकलती है। इस सड़क को खोदकर छोड़ दिया गया है। गुरुंग तिराहे पर जाम के चलते तमाम गाडि़यां इसी सड़क से होकर गुजरती हैं। ऐसे में लोगों के घरों में धूल की परत जमा हो जा रही है।

उखाड़ डाली इंटरलॉकिंग, आना-जाना हुआ मुश्किल

वहीं, आदर्श नगर की सड़क कुछ महीने पहले करीब दस लाख खर्च कर बनी थी। सीवर लाइन बिछाने के लिए इस सड़क को भी उखाड़ दिया गया। ठेकेदार ने इंटरलॉकिंग की ईट को इधर-उधर फेंक दिया। नतीजा ये कि मिट्टी के चलते लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एरिया के लोगों का कहना है कि धूल के चलते कई लोग बीमार पड़ रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गो को मास्क खरीदकर पहनना पड़ रहा है। वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज के पास पंचवटी नगर में सात महीने पहले 4.50 लाख रुपए खर्च कर 150 मीटर सड़क की इंटरलॉकिंग हुई थी। इस सड़क को खोदकर सीवर लाइन तो बिछा दी गई लेकिन ठेकेदार ने मरम्मत नहीं कराई। इसके चलते मोहल्ले में रहने वाले 50 से अधिक परिवार के लोगों की जिंदगी दूभर हो गई है। कूड़ाघाट में देवरिया रोड और कसया रोड को जोड़ने के लिए बनी सीसी सड़क को भी बीच में खोद कर बर्बाद कर दिया गया है।

कोट्स

पिछले दिनों सड़क बननी शुरू हुई तो काफी राहत मिली लेकिन चंद दिनों में सीवर लाइन बिछाने को लेकर सड़क उखाड़ दी गई। सड़क पर उड़ रही धूल से लोग एलर्जी और सांस के मरीज हो रहे हैं।

बृजेश कुमार, इंजीनियरिंग कॉलेज

धूल के चलते घरों में कैद रहने की मजबूरी है। घर के बुजुर्ग और बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। बच्चों और बुजुर्गो को मास्क लगवाकर ही बाहर निकाल रहे हैं।

- शैलेश तिवारी, झारखंडी

सड़कों से उठ रही धूल से राहगीर काफी परेशान हैं जिससे उनका दम घुट रहा है। लेकिन जिम्मेदारों को फर्क नहीं पड़ रहा है।

लाल बहादुर उपाध्याय, कूड़ाघाट

इस सड़क पर आवाजाही काफी रहती है। सीवर लाइन बिछाई गईं लेकिन सड़कों की दुरुस्त नहीं कराया जा सका है। जिसकी वह से उठ रही धूल लोगों को बीमारी की तरफ ले जा रही है।

पन्ना लाल, सिघडि़यां

वर्जन

सीवर लाइन बिछाने के बाद ठेकेदार को वैसी ही सड़क देनी है जैसे पहले थी। सड़क पर मिट्टी डालकर उसे कुछ समय छोड़ना पड़ता है। यदि सड़कों की मरम्मत करने में देरी होगी तो ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। जहां भी सीवर लाइन बनी है, वहां सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा।

- ओपी सिंह, मुख्य अभियंता, जल निगम