RANCHI: झारखंड में ई-सिगरेट पर पाबंदी लगा दी गई है, अब इसे बेचने या पीने पर जेल होगी, जुर्माना भी लगाया जाएगा लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद शहर में ई-सिगरेट का कारोबार एक बार फिर तेजी पकड़ता जा रहा है। खुफिया विभाग ने भी इस मामले में चेतावनी जारी की है। सरकार ने माना है कि ई-सिगरेट में लेड, क्रोमियम और निकेल जैसे धातु और फार्माडिल्हाइड्रेड जैसे रसायन हैं जो मानव शरीर के लिए काफी घातक होते हैं। इसलिए इसे बैन कर दिया गया है लेकिन यह लगातार युवाओं के बीच प्रचलित होता जा रहा है और कई युवा इस नशे की लत के शिकार हो चले हैं।

क्या है ई-सिगरेट

इसके दो भाग हैं- कस्टमाइजर और बैट्री। कस्टमाइजर में कार्टिज और ऑटोमाइजर होता है। कार्टिज के आखिर में निकोटिन वाला लिक्विड होता है। ऑटोमाइजर, निकोटिन युक्त लिक्विड को धुआं बनने तक गर्म करता है। बैट्री, डिवाइस को पावर व एलईडी लाइट देती है। पीने वाला लिक्विड की कश लेता है। लिक्विड ऑटोमाइजर से धुआं बनने के बाद हलक में उतरता है। इसे रिचार्ज किया जाता है। गंभीर बात यह है कि बैन के बावजूद इसकी ज्यादातर बिक्री ऑनलाइन होती है।

कैसे पड़ता है कुप्रभाव

यह धूम्रपान रोकने के नाम पर निकोटिन के इस्तेमाल का नया तरीका है। यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास पर प्रतिकूल असर डालता है। मानसिक विकास की समस्या जैसी कई बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार है। इसे पीने से ठीक वैसा ही असर होता है, जैसे पॉलीथिन खाने से मवेशियों में असर देखा गया है। ई-सिगरेट विशुद्ध रूप से कैंसर कारक है, इसलिए इसके निर्माण, बिक्री (ऑनलाइन सहित), वितरण, व्यापार, विज्ञापन, उपयोग और आयात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है।

औषधि निदेशालय ने पकड़ी बड़ी खेप

औषधि निदेशालय की चार टीमों ने कुछ दिनों पूर्व ही राजधानी के विभिन्न इलाकों से बड़ी मात्रा में इ-सिगरेट जब्त किया। निदेशालय की चार टीमों ने ओवरब्रिज (मेन रोड) के आसपास, कांके के चांदनी चौक, हरमू बाइपास-डिबडीह की दुकानों से इन्हें बरामद किया है। हर टीम का नेतृत्व औषधि निरीक्षक कर रहे थे। इस कार्रवाई से पहले निरीक्षकों की टीम ने रेकी कर इ-सिगरेट बेचने वाली कुछ दुकानों की शिनाख्त की थी। इसके बाद पुलिस बल के साथ एक साथ सभी दुकानों में छापेमारी की गई।

विभाग की हिटलिस्ट में ये दुकानदार

मनभावन पान दुकान के मालिक तनवीर आलम, एमएस गिफ्ट गैलरी के अशोक गुप्ता, आलम जेनरल स्टोर के यूसुफ आलम और शमीम बेटल के मालिक मो इसलाम मलिक के यहां से सैंपल लिये गये हैं, जिनकी जांच की जा रही है। चांदनी चौक के पास शमीम बेटल एंड जेनरल स्टोर से निकोटीन वाला शीरा (मोलासेस) भी बरामद किया गया है।

क्या है कीमत

बाजार में डिवाइस और रिफिल एक साथ या अलग-अलग भी उपलब्ध है। बाजार में उपलब्ध एक डिवाइस (इ-सिगरेट) की कीमत औसतन 900 रुपये है। वहीं एक रिफिल (10 एमएल) की कीमत 300-1000 रुपये है।

छापामारी में हो चुकी है बरामदगी

-गोधक स्टोर, ओवरब्रिज के पास छह सिगरेट (डिवाइस) व आठ रिफिल

-मनभावन पान दुकान, मेन रोड से तीन सिगरेट (डिवाइस) व चार रिफिल

-एमएस गिफ्ट गैलरी, डिबडीह में 12 सिगरेट (डिवाइस) व 16 रिफिल

-आलम स्टोर, चांदनी चौक से तीन सिगरेट (डिवाइस) व छह रिफिल

वर्जन

विभाग को लगातार इससे संबंधित शिकायत मिल रही है। शहर के विभिन्न इलाकों में इ-सिगरेट व रिफिल बेचने वाली दुकानों को चिन्हित किया जा रहा है। पहले फेज में कुछ दुकानों में छापेमारी की गयी है। रिफिल में निकोटिन होने की संभावना के मद्देनजर इन दुकानों से लैब जांच के लिए सैंपल लिये गये हैं। यदि इनमें निकोटिन मिला तो संबंधित दुकानदारों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

ऋ तु सहाय, निदेशक, औषधि निदेशालय, झारखंड