नई दिल्ली (पीटीआई)। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने बुधवार को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अपना फैसला सुनाया और पाकिस्तान को उनकी मौत की सजा पर समीक्षा करने के आदेश दिए। इसके एक दिन बाद गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान से पूर्व भारतीय नौसैनिक जाधव को रिहा करने के लिए कहा है। संसद के दोनों सदनों में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'भारत को जाधव से पाकिस्तान में बातचीत करने का अधिकार मिला है। कुलभूषण जाधव पूरी तरह से निर्दोष हैं और उनपर बेवजह के आरोप लगाए गए हैं। उनसे जबरन किसी जुर्म को कबूल करवाया गया है लेकिन इससे सच्चाई बदल नहीं जाएगी। हम पाकिस्तान से फिर उन्हें रिहा करने और वापस भेजने के लिए कह रहे हैं।'

फांसी पर लगाई रोक

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने बुधवार को पाकिस्तान से जाधव को जासूसी और जालसाजी के आरोपों के तहत 2017 में दी गई मौत की सजा को तुरंत खारिज करने का आदेश दिया। जयशंकर ने कहा कि सरकार जाधव को पाकिस्तान से रिहा कराने और उन्हें वापस ले आने में हर तरह का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, 'कुलभूषण जाधव के परिवार ने मुश्किल परिस्थितियों में बहुत साहस दिखाया है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि सरकार तबतक उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगी जबतक की वो भारत वापस नहीं आ जाते। आईसीजे ने निर्देश दिया है कि पाकिस्तान बिना देरी के भारतीय दूतावास के अधिकारियों को वियना कन्वेंशन के तहत उनसे मिलने दे।

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अप्रैल 2017 में सुनाई गई थी मौत की सजा

गौरतलब है कि पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ भारत आईसीजे में पहुंच गया था। पाकिस्तान का कहना था कि मार्च 2016 में बलुचिस्तान प्रांत से जाधव को ईरान से देश में प्रवेश करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। आईसीजे को दिए रिपोर्ट में पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव एक सामान्य व्यक्ति नहीं है क्योंकि वह बलूचिस्तान के रस्ते जासूसी के इरादे से देश में घुसा था। हालांकि, भारत पाकिस्तान के सभी आरोपों को मानने से इनकार कर देता है।

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