-व्हाट्सएप पर सर्कुलेट होने वाले मैसेज से डरकर छोड़ रहे हैं अपना घर

-सभी एरियाज के स्कूल और स्पो‌र्ट्स ग्राउंड में दिख रहा है अफवाहों का असर

GORAKHPUR : हर जुबां पर पिछले दो दिनों से अगर कोई बात है तो वह है सिर्फ और सिर्फ भूकंप। पिछले दो दिनों में भ् बार आए झटकों ने न सिर्फ गोरखपुराइट्स की सांसें अटका दी हैं, बल्कि उन्हें बेहद खौफजदा कर दिया है। भूकंप के झटकों ने तो जिंदगी पर काफी असर डाला है, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान सोशल मीडिया और मैसेंजर्स पर सर्कुलेट होती अफवाहों से हुआ है। ये अफवाहें उनके अंदर के बसे खौफ को कई गुना बढ़ा दिया है। मैसेज का असर उनपर इस कदर हुआ है कि वह डरे-सहमे अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं।

व्हाट्सएप बना सिरदर्द

पिछले दो दिनों में आए भूकंप के झटकों ने गोरखपुराइट्स का चैन और सुकून पहले ही छीन रखा है। रही-सही कसर सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर सर्कुलेट होने वाले मैसेजेज पूरी कर दे रहे हैं। हालत यह है कि घर के अगल-बगल में मौजूद पार्क के साथ ही एरिया में पड़ने वाले स्कूल, खेल के मैदान भी रात में फुल हो जा रहे हैं। लोग मैसेजेज के टेरर से अपने घरों में जाने से कतरा रहे हैं और कहीं फिर भूकंप न आ जाए इसलिए खुले आसमान तले ही रात गुजार रहे हैं।

कुछ भी कर रहे हैं शेयर

मैसेज शेयर करने वाले यूजर्स, मैसेज का मतलब तक समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। वाट्सएप पर सर्कुलेट मैसेजेज में से एक मैसेज में यह शेयर हुआ कि अभी करीब क्फ्.ब् तीव्रता का भूकंप आएगा। उन्होंने यह तक कंफर्म करने की जरूरत गंवारा नहीं समझी की रेक्टर स्केल पर मैक्सिमम यूनिट क्0 है। क्0 तीव्रता के भूकंप में सब कुछ तबाह हो जाता है। वहीं हर दो घंटों पर वह भूकंप की एक नई टाइमिंग शेयर कर दे रहे हैं। इन सभी मैसेजेज की हकीकत तो कुछ भी नहीं है, लेकिन इसका असर लोगों के दिलो-दिमाग पर काफी हो रहा है। सुबह से शाम तक पार्क, स्टेडियम और स्कूलों के खुले मैदान में इसका असर देखने को मिल रहा है।

भूकंप कब आएगा, इसकी न तो भविष्यवाणी की जा सकती है और न ही कोई निश्चित समय बता सकता है। 7.भ् तीव्रता के झटकों के बाद ट्रिमर्स आते हैं। यह तब तक आएंगे, जबतक कि पृथ्वी के अंदर की एक्स्ट्रा एनर्जी बाहर नहीं आ जाती।

जेपी गुप्ता, डायरेक्टर, आईएमडी, लखनऊ