भूंकप से फिर कांपी धरती, घरों से बाहर निकले लोग

शहर में दो बार महसूस किए गए भूकंप के झटके

-किसी तरह के क्षति की सूचना नहीं

JAMSHEDPUR: दोपहर करीब क्ख्.फ्भ् का वक्त हो रहा था, अचानक घरों और ऑफिसेज में रखे कुर्सी, मेज, पलंग और कंप्यूटर सिस्टम हिलने लगे। कुछ ही दिनों पहले भूकंप के झटके महसूस कर चुके लोगों को इस बार मामला समझते देर नहीं लगी। लोगों को जैसे ही भूकंप का अहसास हुआ वे फौरन खुली जगह की ओर भागे। लोग अभी इस डर से निकलने की कोशिश ही कर रहे थे की करीब आधे घंटे बाद क्.09 बजे दोबारा भूकंप का झटका आया। मौसम विभाग के डायरेक्टर बिनय कुमार मंडल ने बताया कि एपिक सेंटर (भूकंप का केंद्र) के पास भूकंप का पहला झटका 7.फ् मैग्निट्यूड का था वही दूसरा झटका म्.ख् मैग्निट्यूड का था।

फिर से डरा दिया

ख्भ् अप्रैल को आए भूकंप के झटकों का डर अभी लोगों के दिलों से निकला भी नही था की मंगलवार को एक बार फिर धरती कांप उठी। अपार्टमेंट्स से अपने फ्लैट्स की सीढि़यों से नीचे उतरते लोगों के मन में नेपाल की तबाही फिर से घर कर चुकी थी। हालांकि भूकंप की वजह से जिले में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन नेपाल में भूकंप की वजह से हुई तबाही को याद कर लोग सहम गए। भूकंप का अहसास होते ही लोग अपने घरों से निकलकर फौरन किसी खुली जगह के लिए दौड़ पड़े।

कोई टीवी देख रहा था ताे कोई

मानगो डिमना रोड के जगदेव प्लेस अपार्टमेंट में रहने वाले कमलेश वर्मा घर में अपने परिवार के साथ बैठकर टीवी देख रहे थे। उन्होंने बताया कि अचानक टीवी हिलने लगा। जैसे ही यह अहसास हुआ कि यह भूकंप की वजह से हो रहा है वे फौरन अपने बच्चों को लेकर अपार्टमेंट के बाहर भागे। उन्हीं की तरह अपार्टमेंट के दूसरे लोग भी भूकंप के डर से सड़क पर निकल आए। कुछ यही नजारा अन्य अपार्टमेंट्स में भी देखने को मिला। भूकंप की वजह से लोग अपने-अपने घरों और ऑफिसेज से निकलकर बाहर आ गए। कही भूकंप के झटके दोबारा ना आए जाए इसलिए काफी देर तक लोग बाहर ही रहे। भूकंप आते ही लोगों को खुद के साथ अपनों की चिंता भी सताने लगी। लोगो ने फोन कर अपने फैमिली, फ्रेंड्स, रिलेटिव्स का हाल चाल पूछा।

याद आई नेपाल की तबाही

जमशेदपुर में आए भूकंप का मैग्निट्यूड काफी कम था फिर भी ख्भ् अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप की वजह से हुई तबाही को देखते हुए भूकंप आते ही लोग काफी डर गए। कोई कैसे भूल सकता है कि नेपाल में आए भूकंप ने कुछ ही पलों हजारों को लील लिया था। शहर में भी ख्भ् और ख्म् अप्रैल को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। ऐसे में एक महीने के अंदर तीसरी बार आए भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया।

स्टेट में दोपहर क्ख्.फ्भ् और क्.09 बजे दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। अभी तक भूकंप की वजह से किसी नुकसान की सूचना नहीं है। ऐसे में इसकी इंटेसिटी कम कही जा सकती है। इपिकसेंटर के पास भूकंप का मैग्निट्यूड 7.फ् था वहीं दूसरी बार म्.ख् मैग्निट्यूड का भूकंप आया।

-बिनय कुमार मंडल, डायरेक्टर, मौसम विभाग

मैं घर में बैठकर परिवार के साथ टीवी देख रहा था। अचानक टीवी हिलने लगा। मैं फौरन बच्चों को लेकर घर के बाहर भागा।

कमलेश वर्मा

दोपहर करीब साढ़े बारह बजे मैंने देखा कि अपार्टमेंट के सभी लोग नीचे भाग रहे हैं। मुझे जैसे ही भूकंप का पता चला मैं भी नीचे भाग गया।

शिबू मुखर्जी

मुझे ब्लड प्रेशर है। घर की चीजों को अचानक हिलता देख मुझे लगा की बीपी की वजह से चक्कर आया है। पर जैसे ही पता चला की भूकंप की वजह से ऐसा हो रहा है मैं फौरन घर के बार चली आई।

उषा श्रीवास्तव

मैं अपने परिवार के साथ घर में बैठी हुई थी। अचानक कुर्सी, मेज हिलने लगे। जैसे ही अहसास हुआ की भूकंप आया है सभी फौरन घर से बाहर निकल गए।

प्रमिला सिंह

मैं अपने शोरूम में था। घर से फोन आया की भूकंप आया है। मैंने भी अपने जान-पहचान को लोगों को फोन कर उनका हालचाल पूछा।

त्रिनाथ

घर में लोगों ने भूकंप का झटका महसूस किया। मेरा हालचाल जानने के लिए भी फौरन मेरा पास फोन आया।

अरुण

जिस वक्त भूकंप आया मैं साकची में अपनी ड्यूटी कर रहा था। घर से फोन आया तो भूकंप के बारे में पता चला।

विकास मुखी