-चौथी पांचवीं मंजिल पर स्कूल और सीढि़यां भी सकरी

PATNA: कुछ मिनटों पहले भूकंप आया होता तो स्कूलों में बच्चों के बीच कैसी स्थिति होती ये सोचकर ही मन सिहर उठता है। खासकर उन स्कूलों में जिनमें बच्चे चौथी या पांचवी मंजिल पर पढ़ते हैं। जगदेव पथ के पास एक प्राइवेट स्कूल में चौथी-पांचवीं मंजिल से बच्चे अपने बैग छोड़ नीचे की ओर भागे। क्ख्:फ्7 में जब भूकंप हुआ तो इसके पहले कई क्लास की छुट्टियां हुई ही थीं। कुछ में क्ख्:फ्0 में छुट्टियां हुई थीं। भूकंप क्ख्:फ्0 से पहले आता तो पता नहीं क्या हो जाता। कई स्कूलों में बच्चे भगदड़ के शिकार हो सकते थे।

कई स्कूलों में बच्चों को चोटें आई

भूकंप की वजह से हुई भाग दौड़ के बीच कई स्कूलों में बच्चों को चोटें आईं। कई बच्चे नर्वस हो गए। पेरेंट्स के फोन स्कूलों में खूब आने शुरू हो गए। जिन स्कूलों में छुट्टियां होनी थी, वहां भूकंप के बाद जल्दी ही छुट्टी दे दी गई।

स्कूलों में ये सुधार जरूरी हैं

- चौथी-पांचवी मंजिल पर बच्चों के क्लास न हो।

- सीढि़यां चौड़ी हों।

- क्लास में बच्चे मानक के अनुसार हों।

- बच्चों को इसकी ट्रेनिंग हर स्कूलों में दी जानी चाहिए कि भूकंप के वक्त क्या करना है कि भगदड़ ना हो।