आगरा। भूकंप के चलते एक बार फिर से आगराइट्स की रूह कांप गई। एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को लेकर तीमारदार बाहर निकल आए। किसी के बोतल लगी हुई थी तो किसी के पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ था।

झटकों से हिल गए लोग

भूकंप के झटके के साथ ही एसएन बिल्डिंग में उपस्थित सभी मरीज बाहर की ओर भाग खड़े हुए। मेडिसिन विभाग, सर्जरी विभाग में भर्ती मरीजों को लेकर तीमारदार हॉस्पिटल से बाहर निकल आए। जिला हॉस्पिटल में भी कई तीमारदार अपने मरीज को लेकर बाहर निकल आए। उधर, जिस वक्त भूकंप का झटका लगा उस समय लेडी लायल में नर्सिग डे को लेकर तैयारियां की जा रही थी। बिल्डिंग के हिलते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। नर्सेज सहित वहां मौजूद बाकी चिकित्सकीय स्टाफ बहुत तेजी से बाहर निकल आया।

सात मंजिला में रहे ज्यादा भयभीत

एसएन मेडिकल कॉलेज की सात मंजिला बिल्डिंग के छज्जे का काफी हिस्सा पिछली बार के भूकम्प झटके के दौरान गिरा था। यही वजह रही कि इस बार जब झटका महसूस किया सबसे ज्यादा भयभीत इसी बिल्डिंग में कार्यरत स्टाफ हुआ। चन्द पलों में ही लोग बाहर की ओर भाग खड़े हुए। पैथोलॉजी विभाग के सभी कर्मचारियों के अनुसार जैसे ही उन्हें झटकों का अहसास हुआ सभी तुरंत बाहर की ओर भाग खड़े हुए। सात मंजिला बिल्डिंग के अंदर ही एनाटॉमी विभाग और पैथोलॉजी विभाग हैं। झटके के साथ ही पूरी बिल्डिंग मात्र दो मिनट के अंदर पूरी तरह से खाली हो गई।

बीच में छोड़ी क्लास

जिस समय झटका लगा जूनियर डॉक्टर्स सात मंजिला बिल्डिंग के अंदर एलटी क्लास में थे। झटके के साथ ही वह सब बाहर की ओर भागे। उधर, कुछ स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में थे। झटका महसूस हुआ तो बाहर भाग आए। स्टूडेंट्स को बुक्स गिरने की आवाज आई तो लगा कि किसी ने गिरा दी होंगी, लेकिन तभी शोर मचने लगा और वहां मौजूद सभी छात्रों ने बाहर की ओर दौड़ लगा दी। जो जिस हाल में था उसने बाहर खुले में पहुंच कर ही राहत की सांस ली।

डर के मारे घंटों रहे बाहर

भूकंप के डर से तमाम मरीजों ने खुले आसमान के नीचे रहने में ही अपनी भलाई समझी। काफी देर में उनके दिल से भूकंप का डर निकल पाया। यही वजह रही कि मरीज घंटों के हिसाब से बाहर ही रहे। सब एक दूसरे को सांत्वना दे रहे थे लेकिन खुद बिल्डिंग में जाने से कतरा रहे थे। लेकिन जब मरीजों से बाहर नहीं बैठा गया तो घंटों बाद बिल्डिंग के अंदर चले गए।