- शाम 5.23 बजे लगा झटका, घरों से बाहर आए भयभीत लोग

- मेरठ और बड़ौत के बीच था केंद्र, दस किलोमीटर तक कांपी धरती

- पहली बार भूकंप का केंद्र रहा मेरठ, बड़े खतरे की चेतावनी

Meerut: मेरठ शहर में आज लोगों को भूकंप के झटके लगे। जिसको महसूस कर लोगों में हड़कंप मच गया। हालांकि भूकंप की तीव्रता काफी कम थी, जिससे कोई जानमाल की हानि नहीं हुई। लेकिन इस भूकंप का केंद्र मेरठ ही रहा। जो आगे आने वाले समय के लिए एक चेतावनी दे गया। मेट्रोलॉजिकल रिपोर्ट के अनुसार यह भूकंप मेरठ में नोर्थ-साउथ के बीच रहा। जो एक निश्चित दायरे में रहा। इस भूकंप के बाद मेरठ के लोगों में और वैज्ञानिकों में चिंता शुरू हो गई है। आखिर मेरठ इसका केंद्र क्यों रहा। इससे आने वाले समय में क्या परेशानी हो सकती है।

फ‌र्स्ट टाइम मेरठ केंद्र

सीसीएस यूनिवर्सिटी में मौजूद भारत मौसम विज्ञान विभाग (इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट) सीसीएस यूनिवर्सिटी में मौजूद भारत मौसम विज्ञान विभाग (इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट) के अनुसार मेरठ में भूकंप का सेंटर रहा। जिसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर तीन नापी गई। इस भूकंप का केंद्र ख्9.क् डिग्री नोर्थ व 77.भ् ईस्ट रहा। यानि मेरठ और बड़ौत के बीच पड़ने वाला एरिया करनाल के आसपास बताया गया है। जिसकी डेप्थ दस किलोमीटर रही। यह भूकंप दस किलोमीटर के एरिया में ही महसूस किया गया। इस भूकंप के बाद मौसम विज्ञान विभाग भी चेत गया है।

मेरठ जोन-ब् में

वैज्ञानिकों के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप का खतरा हर जगह अलग-अलग है। भारत को भूकंप के क्षेत्र के आधार पर चार हिस्सों जोन-ख्, जोन-फ्, जोन-ब् तथा जोन-भ् में बांटा गया है। जोन ख् सबसे कम खतरे वाला जोन है तथा जोन-भ् को सर्वाधिक खतरनाक जोन माना जाता है। मेरठ जोन-ब् में आता है। जहां इस भूकंप ने चेतावनी दे दी। इसके चलते आने वाले समय में और भी दिक्कतें होने की संभावना है। स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता क्0 गुणा बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है वह प्रति स्केल फ्ख् गुणा बढ़ जाती है।

अभी और बढ़ेगा खतरा

वैज्ञानिकों के अनुसार इसका सीधा मतलब यह हुआ कि फ् रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी वह ब् स्केल पर फ् रिक्टर स्केल का क्0 गुणा बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप म्0 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। जिससे बड़े स्तर पर जानमाल की हानि हो सकती है। ऐसे में रिएक्टर पर तीन तीव्रता पर आने वाला भूकंप काफी खतरनाक हो सकता है। जो आगे खतरा बढ़ेगा।

वर्जन

मेरठ में आए भूकंप के झटके की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर तीन मैग्नीट्यूड रही। इसका केंद्र मेरठ और बड़ौत के बीच करनाल के आसपास रहा है। लेकिन इससे कोई जानमाल की हानि संभव नहीं है।

- डॉ। अशोक कुमार गुप्ता, मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट सीसीएसयू मेरठ

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क्यों आता है भूकंप

हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैंटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैंटल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये भ्0 किलोमीटर की मोटी परत, वगरें में बंटी हुई है, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और उध्र्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है और भूकंप आ जाता है।