आगरा। आगरा के लोग भूकंप के दंश से उबरे भी नहीं थे कि फिर मंगलवार को आए भूकंप ने सभी को हिलाकर रख दिया। जैसे ही लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए तो सभी घरों से निकलकर भाग निकले। घरों से भागने वालों में अधिकांश फ्लैट में रहने वाले लोग थे। अब लोग फ्लैट में जाने से डर रहे हैं।

5.6 तीव्रता का लगा झटका

मंगलवार को दोपहर करीब 12.35 बजे भूकंप की झटके महसूस किए गए जिनकी तीव्रता 5.6 नापी गई। भूकम्प के झटके लगते ही आगरा में अफरा-तफरी मच गई। बिजनेस हब कहे जाने वाले संजय प्लेस में हुजूम जमा हो गया। साथ ही ताजमहल में मौजूद टूरिस्ट्स में भी अफरा-तफरी मच गई। हालांकि भूकंप के झटकों से ताज की इमारत को किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

कुर्सी हिली तो भागे बाहर

हर दिन की तरह मंगलवार को भी सबकुछ सामान्य था। सरकारी हो या फिर प्राइवेट सभी ऑफिसेज में काम चल रहा था। लोग बैठे थे तो तमाम लोग अपने काम से इन ऑफिसेज में खड़े हुए थे। कुर्सी हिली तो वहीं खड़े लोगों ने चक्कर महसूस किए। पलभर में ही समझ में आ गया कि भूकम्प का झटका है। संजय प्लेस स्थित पीएफ कमिश्नर, सीडीओ, डीआईओएस, बीएसए, कलेक्ट्रेट, एसएसपी ऑफिस, पुलिस लाइन सहित अन्य सरकारी ऑफिस, एसबीआई सहित सभी अन्य बैंक, यूनिवर्सिटी सहित तमाम कॉलेज परिसर में बैठे लोग बाहर की तरफ भागे।

इस बार समझने में नहीं लगी देर

26 अप्रैल को भूकंप आया था, तो लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि भूकंप आया है। टीवी चैनलों पर देखा तो लगा कि अरे भाई भूकंप आया है। पहले आए भूकंप को लोग काफी देर में समझ पाए थे, लेकिन मंगलवार को आए भूकंप को समझने में लोगों को देर नहीं लगी। ।

इस प्रकार का था माहौल

पुष्पांजलि कॉमर्शियल फ्लैट्स का माहौल कुछ इस प्रकार का था कि ममता अपने परिजनों के साथ टॉप फ्लोर पर बैठी हुई थी। जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए तो वह नंगे पैर ही बाहर की ओर दौड़ पड़ीं। छोटे छोटे बच्चे ने भी भूकंप के झटकों को समझने में देर नहीं की। जब उनसे पूछा कि अब भूकंप नहीं है, तो घर क्यों नहीं जा रहे हैं के जवाब में उन्होंने कहा कि घर जाने की हिम्मत ही नहीं हो रही है।

इनका था ये कहना

कारगिल पेट्रोल पंप स्थित पुष्पांजलि कॉमर्शियल फ्लैट्स में रहने वाले पप्पन ठाकुर ने बताया कि पहले भूकंप आया था तब दो दिन घर पर खाना नहीं बना था। बच्चे कांपने लगे थे। अब फिर से आए भूकंप ने झकझोर कर रख दिया है। बच्चे सबसे ज्यादा घबराए हुए हैं। अब फ्लैट्स में रहने का बिल्कुल भी मन नहीं है। लोग अब फ्लैट्स में रहने से घबराने लगे हैं।

90 हजार लोगों की जिंदगी पर है

शहर में 90 हजार ऐसे लोग हैं, जो काल के गाल में रह रहे हैं। यमुना किनारे बने सभी फ्लैट खतरे से खाली नहीं है। वे मानकों के विपरीत बने हुए हैं। भूकंप की दृष्टि से शहर के अधिकांश फ्लैट्स सुरक्षित नहीं हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं ये कहना आरर्कीटेक्ट का कहना है।

एसपी सिटी कार्यालय हुआ खाली

भूकम्प के झटके लगे, तो एसपी सिटी कार्यालय में भी हलचल मच गई। एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह ने झटके महसूस किए, तो वे खडे़ हो गए, इसके साथ ही कार्यालय में बैठे अन्य लोग भी समझ गए, कि भूकम्प के झटके हैं। कुछ ही पलों में एसपी सिटी कार्यालय खाली हो गया। सभी लोग नीचे आ गए। उधर होटल सॉलीटियर भी खाली हो गया। सड़क पर मजमा सा लग गया। करीब आधा घंटे बाद स्थिति सामान्य हो सकी। जिसके बाद लोग कार्यालय में लौटे।