ये झटका नहीं, चेतावनी है

मेरठ: पहली बार मेरठ भूकंप के केंद्र बिंदु में बना है। इससे आशंका है कि मेरठ में प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। धरती के अंदर संचित होने वाली ऊर्जा ने बाहर आने का नया रास्ता तलाश लिया है, जिसकी वजह से मेरठ भूकंप का केंद्र बना। भूकंप का केंद्र अधिक गहरा न होने की वजह से कमजोर मकान को नुकसान पहुंचने की आशंका है। जानकारों की माने तो भूकंप के छोटे-छोटे झटके आने वाले समय में किसी बड़े झटके की चेतावनी हैं। यह भविष्य के लिए इस लिए भी चेतावनी है कि जिस तरह से धरती के अंदर पानी का दोहन हो रहा है, वृक्ष कट रहे हैं, धरती को खोखला कर मल्टी स्टोरी भवन बन रहे हैं। उससे धरती का संतुलन बिगड़ रहा है। धरती में आंतरिक शक्ति संचित होती है, और जब भी कोई क्षेत्रीय असंतुलन होता है, तो भूकंप की स्थिति बन जाती है। मेरठ शहर का अतिसूक्ष्म स्तरीय अध्ययन करना होगा। जिससे पता लगाया जा सके कि कौन सा हिस्सा भूकंप के लिहाज से अधिक संवेदनशील है।

भूकंप के आए इस क्षणिक झटके को चेतावनी के तौर पर लेने की जरूरत है। मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में भवन भूकंपरोधी बनाने चाहिए। ऐसे क्षेत्र जो अधिक संवेदनशील हैं उन क्षेत्रों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने से बचना चाहिए।

-डॉ। कंचन सिंह, भूगोलविद्

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छत में दरार, शीशे चटके

सोमवार को मेरठ में आए भूकंप की वजह से लोगों में जहां दहशत की स्थिति रही, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने अपने घर के दीवार और छतों में दरार आने की बात कही है। शिक्षक करमवीर सिंघल ने बताया कि कचहरी पुल स्थिति उनके घर के बरामदे की छत में भूकंप की वजह से दरार पड़ गई, कलेक्ट्रेट आफिस के पास रहने वाले विनोद अरोड़ा ने भी खिड़की के शीशा चटकने की बात बताई है।

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पहले भी लगे भूकंप के झटके

17 सितंबर 2012 : देर रात करीब एक बजकर 10 मिनट पर भूकंप के झटकों से मेरठ दहल उठा। रेक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई।

5 अप्रैल 2011 : शाम 5 बजकर 3 मिनट पर मेरठ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.3 आंकी गई।

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अफसरों की भी कुर्सी हिली

भूकंप के झटके से प्रशासनिक अधिकारियों की कुर्सियां भी हिल गई। कलक्ट्रेट में उस समय वीडियो कांफ्रेस चल रही थी और डीएम पंकज यादव व एडीएम सिटी समेत कई अफसर सरकारी कामकाज में व्यस्त थे, तभी अचानक अफसरों की कुर्सियां हिलने लगीं। दीवार पर लगा स्क्रीन सेट भी हिलने लगा। इस पर डीएम पंकज यादव ने कुछ देर के लिए कांफ्रेस का विराम दिया।

शहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन कहीं से किसी नुकसान की सूचना नही है। हम लोग उस वक्त वीडियो कांफ्रेसिंग में थे। मौसम वैज्ञानिकों से संपर्क साध कर आगे की जानकारी ली जा रही है।

-एसके दुबे, एडीएम सिटी मेरठ

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मैं उस समय अपने कमरे में बैड पर बैठी काम कर रही थी। एकदम से अचानक से ऐसा लगा जैसे कोई गाड़ी गुजरी नीचे से गुजरी हो। पहले तो मुझे पता नहीं लगा, फिर जब दीवारों को हिलते हुए देखा तो पता लगा कि भूकंप आया है।

-डॉ। दीप्ति कौशिक, इस्माईल कॉलेज

मैं उस समय अपने सोफे पर बैठकर पढ़ रहा था। एकदम से कम्पन सा होने लगा था। ऐसा लग रहा था सबकुछ हिल रहा हो। फिर मैनें मेज पर रखे गिलास को हिलते देखा और सामान को हिलते देखा तो पता लगा कि भूकंप आया है।

-कोनित, स्टूडेंट केएल इंटरनेशनल

मैं दुकान पर बैठा था। अचानक बिल्डिंग हिलने लगी। ऐसा लगा कि हम सभी किसी ट्रक में बैठे हैं और ट्रक चल रहा है। किसी बड़ी गाड़ी के गढ्डे में गिरने जैसी भयानक आवाज हुई। सभी लोग डर गए और दुकान छोड़कर सड़क पर आ गए।

-अजय केडिया, माधवपुरम

मैं उस वक्त घर का काम कर रही थी। अचानक किसी बड़ी मशीन के चलने जैसी आवाज के साथ भूकंप का झटका महसूस किया। दहशत के चलते साकेत में कई परिवार घर छोड़कर सड़क पर आ गए।

-एंजिला तिवारी, सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल