चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनावों के दौरान शांति बनाए रखने के लिए ज़रुरी है कि गिरिराज सिंह के खिलाफ दायर "एफ़आईआर पर तेज़ी से जांच की जाए और उन्हें किसी तार्किक नतीजे तक पहुंचाया जाए."

चुनाव आयोग ने अपनी नोटिस में कहा है, "आयोग ने पाया है कि भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने 18 अप्रैल को झारखंड के बोकारो और देवघर में चुनाव प्रचार के दौरान बेहद उत्तेजक भाषण दिया."

आयोग ने आगे कहा, "ये बयान शत्रुता, घृणा और दुर्भावना को बढ़ावा देते हैं और विभिन्न समुदायों के बीच असंगति पैदा की है."

हालांकि गिरिराज सिंह ने चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद बीबीसी को बताया कि उन पर लगे आरोप निराधार है. चुनाव आयोग ने इस बारे में उन्हें 24 अप्रैल तक सफाई देने के लिए भी कहा है.

गिरिराज सिंह ने शनिवार को झारखंड के गोड्डा में आयोजित जनसभा में कहा था, ''जो लोग नरेंद्र मोदी को रोकना चाहते हैं, वे पाकिस्तान की ओर देख रहे हैं. आने वाले दिनों में उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं होगी. उनके लिए बस पाकिस्तान में जगह बचेगी.''

जिस रैली में गिरिराज सिंह ने ये भाषण दिया उसमें भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी मौजूद थे. हालांकि बाद में भाजपा ने उनके इस बयान से खुद को अलग कर लिया.

'निराधार आरोप'

गिरिराज सिंह के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध,कहा जाएंगे अदालतनरेंद्र मोदी ने कहा है ऐसे बयान मुख्य मुद्दे से हटाने वाले हैं.

चुनाव आयोग की नोटिस के बारे में गिरिराज सिंह ने कहा है कि उन पर लगे आरोप निराधार हैं और उन पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना चाहिए.

गिरिराज सिंह ने बीबीसी को बताया, "मैं चुनाव आयोग से निवेदन करूंगा कि मुझ पर निराधार आरोप लगे हैं, आप (चुनाव आयोग) फिर से विचार करें और लोगों के बीच जाने की मुझे अनुमति दें."

विवादित भाषणों पर माफी मांगने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि अब वो अपना पक्ष न्यायालय में ही रखेंगे.

उन्होंने कहा, "मैं अदालत में अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दूंगा."

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी ट्विटर के जरिए अपील कर चुके हैं कि इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.

भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने झारखंड के देवघर में यह कथित भड़काऊ भाषण दिया था. इस मामले में उनके ख़िलाफ़ देवघर, बोकारो और पटना में तीन मामले दर्ज कराए गए हैं.

गिरिराज सिंह के इस भाषण की सभी राजनीतिक दलों ने आलोचना की है. वहीं उनकी पार्टी ने इससे दूरी बनाते हुए कहा कि यह उनका निजी बयान है, इससे पार्टी का कोई लेनादेना नहीं है.

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