- PDMS के थ्रू होगी मॉनीटरिंग, पीठासीन अधिकारी SMS के थ्रू देंगे अपडेट

- कंट्रोल रूम के साथ टॉल फ्री नंबर जारी, पीठासीन अधिकारी हर दो घंटे में इंफॉर्मेशन करेंगे अपडेट

GORAKHPUR: पोलिंग डे पर पार्टियां कहां हैं? इलेक्शन शुरू हुआ या नहीं? अगर नहीं हुआ तो इसकी क्या वजह है? हर दो घंटे के बाद कितनी पोलिंग हुई? इन सबकी पल-पल की खबर इस बार चुनाव आयोग के पास मौजूद रहेगी। थोड़ी सी भी खामी या परेशानी पर भी उन्हें अलर्ट मैसेज मिल जाएगा, जिसके बाद संबंधित टीम के जिम्मेदारों को एक्टिव कर दिया जाएगा। विधानसभा इलेक्शन को सकुशल और प्रॉपर वे में कंडक्ट कराने के लिए इलेक्शन कमिशन ने कवायद तेज कर दी है। इसके तहत इस बार 'पोलिंग डे मॉनीटरिंग सिस्टम' (पीडीएमएस) डेवलप किया गया है, जिसके जरिए आयोग को पोलिंग पार्टियां रवाना होने के बाद से ईवीएम जमा होने तक पल-पल की अपडेट मिलती रहेगी।

पीठासीन अधिकारियों को जिम्मेदारी

इलेक्शन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स देने के लिए पीठासीन अधिकारियों को इस बात की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शहर में हो रही हैपनिंग आसानी से जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निग ऑफिसर्स तक आसानी से पहुंच सके, इसके लिए पीडीएमएस डेवलप किया गया है। इस सिस्टम के जरिए पीठासीन अधिकारी और फ‌र्स्ट पोलिंग ऑफिसर, इलेक्शन से जुड़ी हर अपडेट एसएमएस के जरिए आयोग के मोबाइल नंबर 9223166166 पर देनी होगी। यह इंफॉर्मेशन तत्काल ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी ऑफिस के डैशबोर्ड पर अपडेट होगी।

इनपर रहेगा फोकस

- मतदान प्रक्रिया से जुड़े सभी काम

- ईवीएम अलॉटमेंट

- पोलिंग पार्टीज की रवानगी

- पोलिंग पार्टीज को पोलिंग बूथ्स तक सुरक्षित पहुंचना

- मॉक पोलिंग

- एक्चुअल पोलिंग स्टार्ट करना

- हर दो घंटे में पोलिंग परसेंटेज

- पोलिंग खत्म होने के लिए निर्धारित वक्त 5 बजे कतार में लगे लोगों की तादाद

- पोलिंग खत्म होने पर वोटर्स का टर्न आउट

- ईवीएम को जमा कराने के लिए जरूरी सूचनाएं

- पोलिंग के दौरान ईवीएम की खराबी

- कानून व्यवस्था से जुड़ी अपडेट्स

- प्रॉब्लम आने और उसके सॉल्यूशन होने पर अपडेट

- एसएमएस न मिलने की कंडीशन में पोलिंग सेंटर के सेक्टर मजिस्ट्रेट, जिला निर्वाचन कार्यालय कंट्रोल रूम में अवेलबल कराएं।

क्या होगी जरूरत

- पीठासीन अधिकारियों और फ‌र्स्ट पोलिंग ऑफिसर्स का मोबाइल नंबर

- बदलाव होने पर ईडीपीएस सॉफ्टवेयर में अपेडट कराया जाए

- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर इलेक्शन के दौरान मौजूद रहे

- पोलिंग के दिन मॉनीटरिंग के लिए पर्याप्त कंप्यूटर

- इंटरनेट, मैन पॉवर, सुविधायुक्त कंट्रोल रूम

- डीआईओ के नियंत्रण में टेक्निकल टीम का गठन