नई दिल्ली (एएनआई)। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव 27 मई से पहले कराने का फैसला लिया है। पहले ये चुनाव कोरोना वायरस के प्रसार के चलते टाल दिए गए थे। मगर अब इलेक्शन कमीशन ने इन चुनावों को 21 मई को कराने की घोषणा की है। हालांकि वोटिंग के दौरान चुनाव आयोग ने सोशल डिस्टेंसिंग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। बता दें महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोशियारी ने गुरुवार को चुनाव आयोग से राज्य विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों के लिए चुनावों की घोषणा करने का अनुरोध किया था।

क्यों जरूरी है चुनाव

कोरोना संकट के बावजूद महाराष्ट्र में एमएलसी चुनाव होना काफी जरूरी है। अगर ये चुनाव नहीं होते तो सीएम उद्घव ठाकरे की कुर्सी खतरे में पड़ जाती। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी तक वह विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। संविधान के नियमानुसार उन्हें सीएम बनने के 6 महीने के अंदर यानी 27 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। चूंकि उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन्हें मई के अंत तक किसी न किसी सदन की सदस्यता लेनी होगी।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल कर चुका दो बार सिफारिश

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 27 अप्रैल को एक बार फिर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य विधान परिषद के लिए नामित करने के लिए कहा था। आधिकारिक तौर पर जारी विज्ञप्ति के अनुसार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा भेजी गई यह दूसरी सिफारिश थी।इससे पहले 9 अप्रैल को, राज्य मंत्रिमंडल ने संवैधानिक संकट से बचने के लिए कोशीरी द्वारा विधान परिषद के लिए रिक्त होने वाली दो खाली एमएलसी सीटों में से एक के लिए ठाकरे के नाम की सिफारिश की थी।

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