नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव 3 चरण में होंगे। इसमें मतदान का पहला चरण 28 अक्टूबर, दूसरा चरण 3 नवंबर और तीसरा चरण 7 नवंबर को आयोजित होगा। इसके बाद 10 नवंबर को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी। इस दाैरान उन्होंने कहा कि बिहार में 243 सीटों के वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक वोटिंग होगी
पहले चरण में 16 जिलों और 71 सीटों पर चुनाव, दूसरे चरण में 17 जिलों के 94 सीटों पर चुनाव होगा। तीसरे चरण में 15 जिलों में 78 सीटों पर चुनाव होगा। मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है। बिहार चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक वोटिंग होगी। नामांकन ऑनलाइन भी किया जा सकेगा। इसके अलावा बूथ स्तर पर थर्मल स्कैनर लगेंगे

एक बूथ पर सिर्फ 1,000 मतदाता ही मदतान करेंगे
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस के वक्त में बिहार का चुनाव विश्व का सबसे बड़ा चुनाव है। ऐसे में इसके प्रोटोकाॅल का ध्यान रखा जाएगा। एक बूथ पर सिर्फ 1,000 मतदाता ही मदतान करेंगे। पांच से ज्यादा लोग एक साथ किसी के घर जाकर प्रचार नहीं करेंगे। नामांकन के दौरान उम्मीदवार के साथ दो से ज्यादा वाहन नहीं जा सकते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज वोटिंग के आखिरी घंटे में वोट डाल पाएंगे। इसके साथ ही 7 लाख हैंड सैनेटाइजर, 6 लाख पीपीई किट्स, 7,6 लाख बेड्सशीट, 23 लाख हैंड ग्लब्स का इंतजाम भी किया जा रहा है। चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए भारतीय चुनाव आयोग के सदस्यों के एक दल ने इस महीने की शुरुआत में राज्य का दौरा किया था।


नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार चुनाव लड़ेगा
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे विपक्षी दल पहले चुनावों को महामारी के कारण स्थगित करने का आग्रह कर रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन (ग्रैंड अलायंस) में सीटों के बंटवारे पर बातचीत की। भाजपा और जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) की गठबंधन सरकार ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार चुनाव में उतरेगा।


राजद पिछले चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी
एनडीए और महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है। 2015 में राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बैनर तले जदयू, राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और अन्य सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ा था। 80 सीटों वाली राजद 2015 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, उसके बाद जदयू (71), और भाजपा (53) थी।
सीएम नीतीश कुमार ने राजद से संबंध खत्म किया था
हालांकि, इसमें भाजपा को सबसे बड़ा वोट शेयर (24.42 प्रतिशत) मिला, उसके बाद राजद को 18.35 प्रतिशत और जदयू (16.83 प्रतिशत) को वोट मिला। वहीं चुनाव के बाद 2017 में जेडीयू और आरजेडी के बीच दरार पैदा हुई। इसकी वजह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ नातों को तोड़ दिया और बिहार में सत्ता बनाए रखने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ अपने संबंधों को फिर से जोड़ा लिया था।